इस्लामाबाद, सात सितंबर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए बुधवार को एक टिकाऊ प्रणाली की हिमायत की।
पाकिस्तान में अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ के हालात के लिए जलवायु परिवर्तन को प्रमुख कारण माना जा रहा है। बाढ़ के कारण देशभर में करीब 1,350 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
खैबर-पख्तूनखवा प्रांत में डेरा इस्माइल खान की यात्रा के दौरान शरीफ ने कहा, ‘‘देश में बाढ़ के अभूतपूर्व हालात हैं जिससे लोगों की जिंदगियों, बुनियादी ढांचे और फसलों को नुकसान हुआ है।’’
वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे पुनर्वास कार्य की समीक्षा के लिए वहां गये थे।
उन्होंने कहा कि यह राजनीति से ऊपर उठने और सेवा तथा कल्याण की भावना दर्शाने का समय है क्योंकि राहत एवं पुनर्वास गतिविधियों के लिए अरबों रुपये चाहिए।
‘बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम’ के तहत बाढ़ राहत के लिए चिह्नित राशि बढ़ाने के फैसले की घोषणा करते हुए शरीफ ने कहा कि इस पैकेज के तहत प्रत्येक बाढ़ ग्रस्त परिवार को 25,000 रुपये दिये जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मृतकों के रिश्तेदारों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।’’
इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि पिछले 24 घंटे में बाढ़ से 18 लोगों की मौत हुई है और 14 जून से अब तक जान गंवाने वालों की संख्या 1,343 पहुंच गयी है।
राष्ट्रीय बाढ़ मोचन समन्वय केंद्र (एनएफआरसीसी) ने एक अलग बयान में इस आंकड़े की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे में बाढ़ से 17 लोग घायल हो गये और अब तक घायलों की कुल संख्या 12,720 हो गयी है।
पाकिस्तान के अधिकारी अभूतपूर्व बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार के अनुसार बाढ़ से 3.3 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और एक तिहाई देश जलमग्न है जिससे 10 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।
यूरोपीय संघ ने अलग से एक बयान में कहा कि वह पाकिस्तान की मदद के लिए आ रहे प्रस्तावों का समन्वय कर रहा है।
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