देश की खबरें | शाह ने शिवसेना को लेकर निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया, उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

पुणे, 18 फरवरी निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को वास्तविक शिवसेना घोषित करने के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आयोग के इस फैसले से ‘‘दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।’’

किताब ‘मोदी@20’ के मराठी संस्करण के विमोचन के मौके पर उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर शाह ने यह भी दोहराया कि 2019 के विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने पर कोई सहमति नहीं बनी थी।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था।

शाह ने मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में कहा, ‘‘कल निर्वाचन आयोग ने ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ कर दिया। कल ही ‘सत्यमेव जयते’ के सूत्र को चरितार्थ किया गया है।’’

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ आवंटित किया। इसे उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

शाह ने ठाकरे का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘जो लोग झूठ का सहारा लेकर चिल्लाते थे, आज उन्हें पता चल गया है कि सच्चाई किसके पक्ष में है।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए, शाह ने कहा कि देश अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो ब्रिटेन से भी बड़ी है।

उन्होंने कहा कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के कारण कश्मीर में खून खराबे की भविष्यवाणी करने वाली कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस को अब जवाब मिल गया है।

उन्होंने दावा किया कि मोदी ने पूर्वोत्तर में उग्रवाद खत्म किया और वामपंथी उग्रवाद लगभग खत्म हो गया है।

शाह ने कहा, ‘‘यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। 50 साल पहले हम एक लक्ष्य के साथ एक रास्ते पर चलते थे और आज नौ साल में लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि अनुच्छेद 370 खत्म हो जायेगा, या तीन तलाक खत्म हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई सोच भी नहीं सकता था कि केंद्र समान नागरिक संहिता की दिशा में बढ़ेगा। लेकिन मोदी जी ने पार्टी के इन वैचारिक आधारों को पूरा करने का काम किया है। लेकिन मिशन अभी भी अधूरा है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री ने दावा किया कि मोदी के करिश्माई नेतृत्व में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल करेगी।

वर्ष 2004 से 2014 तक शासन करने वाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि उस सरकार में हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझता था और कोई भी प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) को प्रधानमंत्री नहीं मानता था।

मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए शाह ने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री का विदेशों में कोई सम्मान नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जाते थे और लिखित भाषण पढ़ते थे। कभी-कभी वह सिंगापुर में थाईलैंड और थाईलैंड में सिंगापुर का भाषण पढ़ते थे।’’

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