भुवनेश्वर, 22 अप्रैल ओडिशा के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि विदेशों से आने वाले लोगों को 14 दिन की अवधि तक पृथक रहना अनिवार्य किये जाने और शुरू में ही लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगाये जाने से राज्य में कोरोना वायरस के फैलने को रोकने में मदद मिली।
उन्होंने कहा कि एहतियाती कदम उठाये जाने के कारण कोरोना वायरस से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए शीर्ष दो राज्यों में शामिल होने पर ओडिशा की केन्द्र ने प्रशंसा की है।
ओडिशा में केरल के बाद कोविड-19 के मामलों के लिए दोगुना दर 34.12 दिन दर्ज की गई है।
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि राज्य में ढिलाई बरतने के लिए कोई स्थान नहीं है और आने वाले महीनों में और सतर्क रहना होगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार 12 और 18 अप्रैल के बीच केरल में 67.2 दिन में कोविड-19 के मामले दोगुना हुए जबकि ओडिशा में यह दर 34.12 दिन है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओडिशा ऐसा पहला राज्य था जिसने कोविड-19 को एक आपदा घोषित किया और लॉकडाउन लगाया।
कोविड-19 पर राज्य सरकार के मुख्य प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने बताया कि सरकार के साथ-साथ लोगों को कम से कम छह महीने सतर्क रहना होगा और सामाजिक दूरी बनाये रखने और स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन करना होगा।
ओडिशा में अब तक कोरोना वायरस के 82 मामले सामने आये है जबकि 30 लोग इस बीमारी से स्वस्थ हो गये है। राज्य में भुवनेश्वर के रहने वाले 72 वर्षीय एक व्यक्ति की इससे मौत हो चुकी है।
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