नयी दिल्ली, 17 नवंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए कोविड-19 के लिए जांच क्षमता दोगुनी बढ़ाकर प्रति दिन एक लाख से 1.2 लाख तक करने और आईसीयू बेड बढ़ाकर 6,000 से अधिक करने समेत कई फैसले लिए गए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि निरूद्ध क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील इलाकों में उपचाराधीन मरीजों की घर-घर निगरानी बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है, जिसके लिए 7,000-8,000 टीमों को इस काम में लगाया जाएगा। वर्तमान में इसके लिए 3,000 टीमें हैं।
इस संबंध में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की संख्या में वृद्धि और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिल्ली सरकार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, नीति आयोग और एम्स के साथ मिलकर महामारी को नियंत्रित करने के लिए तैयार की गई कार्य योजना के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जून में प्रतिदिन बहुत कम लगभग 5,776 जांच की जाती थीं और सितंबर में यह संख्या बढ़कर 50,000 से अधिक हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच की संख्या में लगातार वृद्धि महत्वपूर्ण है वरना बड़ी संख्या में संक्रमण वाले लोग हमारे रडार से बच सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप संक्रमण का और प्रसार हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों में सरकार द्वारा तत्काल कार्रवाई को लेकर निर्णय लिए गए जिनमें आईसीयू बिस्तरों समेत समग्र बिस्तरों की संख्या में वृद्धि, प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या दोगुनी कर 1-1.2 लाख करना, सही अनुपात में आरटीपीसीआर और एंटीजन जांच करना, घरेलू देखभाल निगरानी तंत्र को मजबूत और संवर्धित करना, डॉक्टरों और नर्सों की संख्या बढ़ाना, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को पृथक-वास में भेजना, निरूद्ध क्षेत्रों में कोविड मानदंडों का सही से पालन सुनिश्चित करना शामिल हैं।’’
इस बारे में विस्तार से बताते हुए, नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अगले कुछ दिनों में आईसीयू बिस्तर की क्षमता 3,523 से बढ़कर 6,000 से अधिक हो जाएगी। पॉल कोविड-19 से निपटने के लिए गठित राष्ट्रीय कार्यबल का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आईसीयू बिस्तरों की मौजूदा क्षमता 3,523 है, जिसे हम अगले तीन से पांच दिनों में बढ़ाकर 6,000 से अधिक करेंगे। इसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और निजी क्षेत्र संयुक्त रूप से मिलकर काम करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डीआरडीओ द्वारा संचालित सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड देखभाल केंद्र में 537 नए आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है। दिल्ली सरकार 2,680 आईसीयू बेड की व्यवस्था कर रही है और सफदरजंग और लेडी हार्डिंग जैसे केंद्र सरकार के बड़े अस्पतालों में भी 45 बेड बढ़ाए जाएंगे। हमारी योजना आईसीयू बेड की क्षमता को 80 फीसदी बढ़ाने की है।’’
उन्होंने कहा कि छतरपुर राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 5,000 पृथक और ऑक्सीजन बेड को चालू करने की तत्काल योजना है। रेलवे ने लगभग 1000 बेड उपलब्ध कराए हैं जो अब रिजर्व के रूप में काम कर रहे हैं।
जांच क्षमता बढ़ाने के संबंध में पॉल ने कहा कि आईसीएमआर और केंद्र सरकार की प्रयोगशालाओं को एक दिन में 10,000 और अधिक जांच करने में सक्षम बनाने के लिए व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में 10 सचल प्रयोगशालाएं तैनात की जाएंगी, जिनमें से पांच अगले 4-5 दिनों में काम करना शुरू कर देंगी।।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जांच बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थानों की क्षमता का भी उपयोग करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मामले ज्यादा बढ़ते हैं, तो हमारी योजना किसी भी समय घर में पृथक-वास में रहकर इलाज कराने वाले 35,000 से 40,000 मरीजों की निगरानी करने की क्षमता बढ़ाने की है। हमने दिल्ली सरकार के साथ इस पर एक योजना बनाई है।’’
पॉल ने आगे कहा कि निजी क्षेत्र सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
उन्होंने कहा, "समन्वय में सुधार के लिए 10 बहुआयामी टीमों का गठन किया गया है, जो दिल्ली में निजी अस्पतालों का दौरा करेंगी ताकि यह देखा जा सके कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का सही ढंग से पालन कर रहे हैं या नहीं और लोगों की बेहतर सेवा करने में भी उनकी मदद करेंगी।’’
पॉल ने लोगों से कोविड-19 का कोई लक्षण होने पर जांच करवाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति ऐसी है कि हम दिल्ली में हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्कों का पता लगाने के क्रम में 16 लोगों की पहचान करते हैं। यह नागरिकों की जिम्मेदारी है कि यदि वे 15 मिनट से अधिक समय तक किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो उन्हें स्वैच्छिक रूप से पृथकवास में चले जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में जो चिंताजनक स्थिति सामने आई है, उससे निपटने के लिए पूरे 360 डिग्री का प्रयास किया जा रहा है। हम सब मिलकर इसका सामना करेंगे। सच्चाई यह है कि हमें सतर्क रहना होगा। महामारी की यह तीव्रता जीवन, आजीविका के साथ-साथ समाज के संपूर्ण ढांचे के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है।’’
उन्होंने कहा, "जिस तरह की स्थिति दिल्ली में उत्पन्न हो रही है, वह अनिश्चित और असामान्य है। इससे डरना चाहिए।’’
एक समग्र आँकडा पेश करते हुए, भूषण ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 के लिए 12.65 करोड़ से अधिक जांच हो चुकी है और संक्रमण दर घटकर 7.01 प्रतिशत पर आ गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत दैनिक जांच के मामले में रूस, फ्रांस और ब्रिटेन से बहुत आगे है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोविड-19 के कुल उपचाराधीन मरीजों में से 76.7 प्रतिशत मरीज महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल सहित दस राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि चुनाव, दुर्गा पूजा, दिवाली का असर आने वाले सप्ताहों में देखने को मिल सकता है। हमें नये मामलों पर बहुत सावधानी से नजर रखनी होगी।"
कृष्ण
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