गोरखपुर (उप्र), 13 अक्टूबर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के लोगों के लिए सरकारी मदद की मांग को लेकर गोरखपुर जिला प्रशासन की अनुमति के बगैर आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने तीन यूट्यूब चैनलों के संचालकों, एक सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी और एक फ्रांसीसी नागरिक सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
‘अंबेडकर जनमोर्चा’ द्वारा कथित तौर पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए मंगलवार को आयुक्त कार्यालय में यह धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था।
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) कृष्ण कुमार विश्नोई ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस ने बुधवार को इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के आरोप में फ्रांसीसी नागरिक हेनोल्ड वेलेंटाइन जीन रोजर और सेवानिवृत्त आईपीएस एस. आर. दारापुरी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।
दारापुरी 2003 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद से विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अगले दिन बृहस्पतिवार को पुलिस ने दिल्ली और संत कबीर नगर से यूट्यूब चैनल चलाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
विश्नोई ने कहा, ‘‘कैंट पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘इस सिलसिले में पिछले दो दिनों में गिरफ्तार किए गए लोगों में एक फ्रांसीसी नागरिक, एक सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर और तीन यूट्यूबर सहित सात लोग शामिल हैं।’’
पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किए गए सात लोगों में से पांच (यूट्यूब चैनल संचालकों सहित) के नाम या उन आरोपों का खुलासा नहीं किया है जिनके तहत उन पर मामला दर्ज किया गया है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के भूमिहीन किसानों को भूमि आवंटन, ब्याज मुक्त ऋण, मुफ्त चिकित्सा उपचार और उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति सहित विभिन्न मांगों को लेकर लगभग 100 लोगों ने मंडल आयुक्त कार्यालय परिसर में हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
फ्रांसीसी नागरिक रोजर को वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक विश्नोई ने बताया कि मंगलवार को अंबेडकर जनमोर्चा नामक संगठन ने अपनी मांगों को लेकर मंडलायुक्त कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि प्रदर्शनकारी लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन के लिए मौके पर तंबू लगा रहे हैं। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो प्रदर्शनकारियों में एक फ्रांसीसी नागरिक भी पाया गया। उसकी पहचान हेनोल्ड वेलेंटाइन जीन रोजर के रूप में की गई है।
उन्होंने बताया कि पड़ताल के दौरान रोजर ने पासपोर्ट और वीजा दिखाया, जो वैध पाये गये। उसे कारोबार के सिलसिले में भ्रमण करने और बिहार के धनबाद जाने के लिये वीजा जारी किया गया था लेकिन वह धनबाद जाने के बजाय धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिये गोरखपुर आ गया।
विश्नोई ने बताया कि फ्रांसीसी नागरिक को वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि रोजर की गिरफ्तारी के बारे में फ्रांस के दूतावास को सूचना दे दी गयी है।
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