नई दिल्ली, 21 मई: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी (Rahul Johri) ने कहा है कि गंभीर क्रिकेट गतिविधियां मानसून के बाद ही शुरू हो पाएंगी लेकिन वह इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) के आयोजन को लेकर ‘आशावादी’ हैं. जोहरी ने दोहराया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोच्च है और कोविड-19 महामारी के कारण अभूतपूर्व सुरक्षा संकट के बीच यह फैसला व्यक्तिगत खिलाड़ियों पर छोड़ा जाना चाहिए कि उनके लिए सर्वश्रेष्ठ क्या है.
ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया द्वारा बुधवार को आयोजित वेबिनार के दौरान जोहरी ने कहा, "प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सुरक्षा पर फैसला करने का अधिकार है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए." उन्होंने कहा, "इस पूरे मामले में भारत सरकार हमारा मार्गदर्शन करेगी, हम सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे... व्यावहारिक रूप से गंभीर क्रिकेट गतिविधियां मानसून के बाद ही शुरू हो पाएंगी." भारत में मानसून जून से सितंबर तक रहता है. इस तरह की अटकलें हैं कि अगर आस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप को स्थगित किया जाता है तो आईपीएल का आयोजन अक्टूबर-नवंबर में किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: आईपीएल 2020 का आयोजन 25 सितंबर से 1 नवंबर के बीच कराने पर हो रहा है विचार
जोहरी ने कहा, "उम्मीद करते हैं कि चीजों में सुधार होगा तथा और अधिक विकल्प मिलेंगे जो हमारे नियंत्रण में होंगे और हम इसके अनुसार फैसले करेंगे." आईपीएल के संदर्भ में जोहरी ने कहा कि वह सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट कराने के पक्ष में नहीं है जो सुझाव महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी के कारण दिया गया था. लेकिन उन्होंने कई समस्याओं की जानकारी दी जिनका सामना संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने के लिए नए सुरक्षा नियमों का पालन करने के कारण करना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा, "आईपीएल का मजा ही यह है कि दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी यहां आकर खेलते हैं और सभी इस महत्व को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बेशक यह चरण दर चरण चलने वाली प्रक्रिया होगी इसलिए आप कल ही चीजों के सामान्य होने की उम्मीद नहीं कर सकते."
जोहरी ने कहा, "हमें देखना होगा कि सरकार का परामर्श क्या है. अभी विमान सेवा नहीं चल रही. एक समय विमान सेवा शुरू होगी और खेल शुरू होने से पहले सभी को स्वयं को पृथक रखना होगा." उन्होंने कहा, "इसका कार्यक्रम पर क्या असर पड़ेगा क्योंकि कार्यक्रम पहले ही काफी व्यस्त है."
अनिवार्य सुरक्षा कदमों के तहत 14 दिन के पृथकवास की बात चल रही है जिसका कार्यक्रम पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है. जोहरी ने उन चुनौतियों का भी जिक्र किया जिसका सामना बोर्ड को भारत के लंबे घरेलू सत्र के आयोजन के दौरान करना पड़ सकता है. भारत का घरेलू सत्र अक्टूबर से मई तक चलता है जिसमें 2000 से अधिक मैच खेले जाते हैं.
उन्होंने कहा, "इस बदलाव भरे माहौल में घरेलू क्रिकेट पर पूरी तरह से दोबारा गौर करने की जरूरत है क्योंकि किसी टीम को मैच खेलने के लिए 50 किमी तो किसी को 3000 किमी की यात्रा करनी पड़ सकती है." जोहरी ने कहा, "सभी टीमें दूसरी टीमों से अपने और विरोधी के मैदान पर भिड़ती हैं. इस स्थिति में जब यात्रा पर पाबंदी है आप इन लीगों का आयोजन कैसे कर सकते हो. इस पर हमने चर्चा की और रोचक विकल्प सामने आएंगे. नयापन इसमें महत्वपूर्ण होगा."
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)