ब्रिटेन में सीरियल किलर नर्स को उम्रकैद
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

सात नवजात बच्चों की हत्या करने वाली ब्रिटिश नर्स को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. अदालत ने सजा के दौरान उसकी रिहाई के सारे रास्ते भी बंद किए हैं.मौजूदा दौर में ब्रिटेन के सबसे सनसनीखेज अपराध में मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट ने 33 साल की लूसी लेटबी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. नर्स लूसी लेटबी, सात नवजात शिशुओं की हत्या और छह अन्य को जान से मारने की कोशिश की दोषी है. अक्टूबर 2022 में लूसी के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ. 100 घंटे की सुनवाई के बाद 21 अगस्त को अदालत ने लूसी को सजा सुनाई.

सजा सुनाने के दौरान लूसी कठघरे में नहीं थी. जज जेम्स गॉस ने कोर्ट में अनुपस्थित लूसी को संबोधित करते हुए कहा, "आपने शिशुओं के पालन-पोषण और उनकी देखभाल के प्राकृतिक इंसानी गुण के उलट काम किया है."

अदालत ने माना कि लूसी ने सुनियोजित और कपटी तरीके से इन वारदातों को अंजाम दिया. जज ग्रॉस ने कहा, "आपके अपराधों की गंभीरता अप्रत्याशित रूप से बहुत ही ऊंची है. मैं आदेश देता हूं कि जल्द रिहाई का कोई प्रावधान इस पर लागू नहीं होगा. आप पूरा जीवन जेल में काटेंगी."

गैरहाजिरी पर नाराजगी

लूसी, ब्रिटेन की चौथी महिला है, जिसे जीवनभर के लिए जेल की सजा दी गई है.

सजा सुनाए जाने के दौरान लूसी के अदालत से गैरहाजिर रहने पर भी लोगों में नाराजगी है. पीड़ित परिवारों ने भी इस पर असंतोष जताया है. लंदन की विक्टिम्स कमिश्नर ने कहा है कि लूसी का अदालत में मौजूद ना रहना और प्रभावित परिवारों का सामना ना करना, स्वीकार नहीं किया जा सकता. लेबर पार्टी के एक नेता ने सरकार से अपील की है कि वह कानून में बदलाव कर सजा सुनाए जाते समय दोषियों की मौजूदगी अनिवार्य करे.

कैसे पकड़ी गई लूसी लेटबी

पश्चिमोत्तर इंग्लैंड के काउंटीज ऑफ चेस्टर हॉस्पिटल में जून 2015 से जून 2016 के बीच नियोनैटल यूनिट में कई नवजात शिशुओं की मौत हुई. पुलिस जांच में पता चला कि ये सारी मौतें असल में हत्याएं थी, जिन्हें लूसी लेटबी ने अंजाम दिया था.

लूसी लेटबी, समय से पहले पैदा हुए शिशुओं की देखरेख के लिए जिम्मेदार थी. उसने बच्चों को इंसुलिन, दूध के ओवरडोज और कभी हवा भरे इंजेक्शनों से मार डाला. चार मौतों के बाद अस्पताल के कुछ वरिष्ठ डॉक्टरों ने लूसी पर शक जताया. उसकी शिकायत की गई, लेकिन मैनेजमेंट ने मामले की गंभीरता से जांच कराने के बजाए उल्टा डॉक्टरों पर ही निशाना साधा.

शिकायत करने वाले डॉक्टरों को लूसी से लिखित माफी मांगनी पड़ी. इसके बाद भी बच्चों की मौत का सिलसिला जारी रहा. अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला कि हर बच्चे की मौत के दौरान लूसी लेटबी ड्यूटी पर तैनात थी.

मौत के बढ़ते मामलों के बाद बेहद दबाव बनने पर मई 2018 में अस्पताल ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया. पुलिस जांच के दौरान कुछ ही दिन के भीतर साफ हो गया कि शिशुओं की हत्या लूसी लेटबी ने सुनियोजित तरीके से की है. जुलाई 2018 में लूसी लेटबी को पहली बार गिरफ्तार किया गया. इसके बाद वह दो बार रिहा हुई. फिर नवंबर 2020 में लूसी लेटबी को हत्या की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. तब से वह हिरासत में है.

मंशा का अब भी पता नहीं

लूसी लेटबी ने ये हत्याएं क्यों कीं? यह सवाल अब भी एक पहेली है. लूसी के कई साथियों को कभी उस पर शक भी नहीं हुआ. मारे गए एक बच्चे के माता-पिता को लूसी ने संवेदना कार्ड भी भेजा था.

लूसी के घर की तलाशी के दौरान पुलिस को हाथ से लिखे कुछ नोट्स मिले. एक नोट में कैपिटल अक्षरों में लिखा था, "मैं एक शैतान हूं, ये मैंने किया है." हालांकि दूसरी तरफ लूसी लेटबी बच्चों को नुकसान पहुंचाने के आरोपों को लगातार खारिज करती रही है.

इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने शुरू से जो रुख अपनाया, उसकी खूब आलोचना हो रही है. अस्पताल के आला अधिकारी, लूसी के खिलाफ सामने आई शिकायतों की गंभीरता से जांच कराने के बजाए, नर्स का बचाव करते रहे और चेतावनी देने वाले डॉक्टरों को सबक सिखाने की कोशिश करते रहे. ब्रिटेन की सरकार ने अस्पताल प्रशासन के रुख की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं.

ओएसजे/एसएम (एएफपी, रॉयटर्स)