
भोपाल, नौ फरवरी केंद्रीय मंत्री एम. एल. खट्टर ने रविवार को कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शीर्ष स्थान पर रहने वाले शहरों के लिए एक अलग श्रेणी बनाई जाएगी, जिससे वे विशिष्ट शहर एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने भोपाल में पत्रकारों को बताया कि चार विभिन्न श्रेणियों में शीर्ष तीन स्थान पर रहने वाले तीनों शहरों को एक अलग समूह में रखा जाएगा और वे एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।
इंदौर को लगातार सात बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।
खट्टर ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण के मापदंड हर साल बदले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अलग समूह में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहर को दो साल बाद हटा दिया जाएगा और उसे शेष शहरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कहा जाएगा।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री ने कहा, ‘‘विभिन्न श्रेणियों में आने वाले शेष शहर पहले की तरह एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे और शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले विजेता शहरों के अलग समूह बनाएं जाएंगे।’’
खट्टर ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए निर्धारित की गई अंतिम तिथि 31 मार्च को कुछ राज्यों ने बढ़ाने का आग्रह किया है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे स्वच्छ शहर के रूप में इंदौर के लगातार शीर्ष पर स्थान बने रहने का जिक्र करते हुए खट्टर ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अन्य शहरों की शिकायत है कि उन्हें शीर्ष स्थान हासिल करने का मौका नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में समग्र केंद्रीय बजट परिव्यय में तीन गुना वृद्धि की गई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
खट्टर ने कहा, ‘‘2013 से 2015 में बजट 16.65 लाख करोड़ रुपये था और पिछले 10 वर्षों में बजट तीन गुना बढ़कर 50.65 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रमाण है। देश की स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।’’
खट्टर ने कहा कि 2014 से अब तक 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं, इस उपलब्धि का अन्य देश भी अध्ययन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल परियोजनाओं में चीन और अमेरिका के बाद भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
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