मुंबई, दो जून शेयर बाजार बुधवार को कारोबार के दौरान गिरावट से उबरते हुए अंत में लगातार दूसरे दिन स्थिर बंद हुए। बाजार में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडसट्रीज में तेजी से वित्तीय, आईटी तथा दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयरों में मुनाफावसूली से हुए नुकसान की भरपाई हुई।
कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में लगातार गिरावट से भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 51,450.58 के न्यूनतम स्तर तक चला गया था। लेकिन बाद में इसमें सुधार आया और अंत में यह पिछले दिन के मुकाबले 85.40 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,849.48 अंक पर बंद हुआ।
दूसरी तरफ, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.35 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की नाममात्र बढ़त के साथ 15,576.20 अंक पर लगभग स्थिर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में आईटीसी को सर्वाधिक 2.88 प्रतिशत का नुकसान हुआ। कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा के एक दिन बाद शेयर नीचे आया। आईटीसी को 2020-21 में 13,389.80 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 15,584.56 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, कोटक महिन्द्रा बैंक, टीसीएस, एचसीएल टेक, एचडीएफसी और भारती एयरटेल में भी 1.20 प्रतिशत तक की गिरावट रही।
दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज ऑटो और मारुति जैसे शेयर 1.81 प्रतिशत तक लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। वित्त, आईटी और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में बिकवाली देखी गयी। हालांकि, कारोबार की समाप्ति से पहले बिकवाली में कमी आयी।’’
अमेरिका तथा एशियाई बाजारों में कमजोर रुख का भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
नायर के अनुसार, ‘‘निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्दी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सूची को अंतिम रूप देगी। इससे सरकारी बैंकों के प्रति निवेशकों का आकर्षण बना है....।’’
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति निर्धारित करने वाली एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई। ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर के मामले में कोई बदलाव नहीं करेगा। इसका मुख्य कारण कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न अनिश्चितता है।
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और हांगकांग में गिरावट रही जबकि तोक्यो तथा सोल बढ़त में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 70.94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर लगातार तीसरे दिन 19 पैसे लुढ़क कर 73.09 पर पहुंच गयी। घरेलू मुद्रा में तीन दिन में 64 पैसे की गिरावट आ गई।
शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 449.86 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार सुबह जारी आंकड़े के अनुसार पिछले 24 घंटे में देश में एक दिन में कोविड-19 के 1,32,788 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2,83,07,832 पर पहुंच गयी जबकि संक्रमण की दैनिक दर गिरकर 6.57 प्रतिशत रह गई है।
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