मुंबई, छह जनवरी स्थानीय शेयर बाजार में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 1,258 अंक का गोता लगा गया। एनएसई निफ्टी भी लुढ़क कर 23,700 अंक के नीचे आ गया।
कारोबारियों के अनुसार, कंपनियों के तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों को लेकर चिंता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी के बीच चौतरफा लिवाली से बाजार नुकसान में रहा।
इसके अलावा नये एचएमपी वायरस को लेकर चिंता, रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख से भी कारोबारी धारणा पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,258.12 अंक यानी 1.59 प्रतिशत का गोता लगाकर 78,000 अंक के नीचे 77,964.99 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 1,441.49 अंक तक लुढ़क गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 388.70 अंक यानी 1.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,616.05 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में नई आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता के बीच उभरते बाजारों में गिरावट आई है। फेडरल रिजर्व का भविष्य में नीतिगत दर में कटौती को लेकर आक्रामक रुख, 2025 में मुद्रास्फीति में वृद्धि के संशोधित अनुमान और डॉलर की मजबूती, सब ने मिलकर बाजार धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया। बाजार में तेज गिरावट का प्राथमिक कारण ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर चिंता है।’’
सेंसेक्स में शामिल तीस शेयरों में टाटा स्टील, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, पावरग्रिड, जोमैटो, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रिलांयस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
केवल दो शेयर टाइटन और सन फार्मा लाभ में रहे।
स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार गिरावट आई। निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों अपने 200 ‘डे मूविंग एवरेज’ (डीएमए) से नीचे आ गए। बिकवाली का कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी और तीसरी तिमाही के परिणामों को लेकर चिंता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, नये एचएमपी वायरस ने भी बाजार धारणा को कमजोर किया। इससे हाल की कुछ तेजी के बाद नये सिरे से बिकवाली हुई। ’’
छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 3.17 प्रतिशत टूटा, जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप 2.44 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
बिजली, सेवा, धातु, ऊर्जा समेत बीएसई के सभी खंडवार सूचकांक नुकसान में रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो मामलों की पुष्टि की है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 4,227.25 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को बढ़त में रहे थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.32 डॉलर प्रति बैरल रहा।
इस बीच, भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई। इसे मजबूत मांग की स्थिति तथा मुद्रास्फीति के दबाव में कमी के बीच नए ऑर्डर से समर्थन मिला। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक दिसंबर में बढ़कर 59.3 हो गया, जो नवंबर में 58.4 था। यह चार महीनों में विस्तार की सबसे मजबूत दर है।
बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 720.60 अंक टूटा था जबकि एनएसई निफ्टी में 183.90 अंक की गिरावट आई थी।
रमण अजय
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