नयी दिल्ली, 17 मई राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां मार्च में तोड़फोड़ की घटना हुई थी।
पुलिस ने कहा कि जिस सड़क पर मुख्यमंत्री का आवास स्थित है, उस सड़क पर लोगों के प्रवेश को सीमित करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है और आवासीय कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) के साथ चर्चा चल रही है।
पुलिस की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने इसे रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए कुछ समय भी मांगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय दिया और कहा कि इसे अगली तारीख यानी 30 मई से पहले दायर किया जाएगा।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराध) संजय लाउ ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्थिति रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे दायर नहीं किया जा सकता क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के घर के बाहर अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और वे सड़क के दोनों ओर दो गेट लगाने के लिए आरडब्ल्यूए के साथ बात कर रहे हैं। इसके अलावा सिविल लाइन्स मेट्रो स्टेशन के पास किसी भी सभा या विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अदालत आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर केजरीवाल की टिप्पणी के विरोध में 30 मार्च को हुई तोड़फोड़ के बारे में बताया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास के प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए कथित तौर पर अवरोधक (बैरिकेड्स) गिरा दिए और पुलिस की मौजूदगी में सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से पुलिस को रिपोर्ट की एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि वे अदालत की उचित सहायता कर सकें।
इस पर पीठ ने कहा कि ‘‘पहले हम इसे देखते हैं। अगर हमें लगेगा कि यह आपके साथ साझा करने के लायक है, तो हम करेंगे।’’
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने सुझाव दिया कि अधिकारी राष्ट्रपति भवन की तरह मुख्यमंत्री आवास के आसपास के क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 लगाने पर विचार कर सकते हैं।
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