नयी दिल्ली, 29 जुलाई बाजार नियामक सेबी द्वारा नियामक ढांचे के तहत म्यूचुअल फंड की प्रत्यक्ष योजनाओं में लेनदेन की सुविधा देने वाले प्रौद्योगिकी मंचों को अनुमति देने के प्रस्ताव से म्यूचुअल फंड के प्रसार को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से व्यापक आबादी तक म्यूचुअल फंड को ले जाने में मदद मिलेगी।
वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी नियो के रणनीति प्रमुख स्वप्निल भास्कर ने कहा कि इस कदम से केवल निष्पादन वाले व्यवसाय मॉडल को वैधता मिलेगी। इनकी मदद से पिछले पांच साल में म्यूचुअल फंड की पहुंच में काफी बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि इससे ग्राहकों को लाभ होगा, क्योंकि केवल निष्पादन वाले व्यापार मॉडल को कड़ाई से विनियमित किया जाएगा।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है और पूरे देश में म्यूचुअल फंड को बढ़ावा देने में इसका प्रमुख योगदान होगा।
ट्रू बीकन और जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ ने कहा कि नए प्रस्ताव से सेबी-विनियमित मध्यस्थों के लिए विकल्प बढ़ेंगे और लंबी अवधि में व्यापक आबादी तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले सप्ताह म्यूचुअल फंड (एमएफ) की प्रत्यक्ष योजनाओं में ‘केवल निष्पादन’ सेवाएं प्रदान करने वाले मंचों की रूपरेखा को लेकर एक परामर्श पत्र जारी किया।
सेबी के प्रस्ताव के तहत, ऐसे मंच एक पंजीकृत मध्यस्थ या एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के साथ पंजीकृत इकाई अथवा शेयर बाजारों के साथ सीमित उद्देश्य सदस्यता वाली इकाई के रूप में कार्य करेंगे।
नियामक ने इस प्रस्ताव पर 12 अगस्त तक सुझाव मांगे हैं।
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