जरुरी जानकारी | सेबी ने म्यूचुअल फंड योजनाओं के वर्गीकरण में स्पष्टता पर परामर्श जारी किया

नयी दिल्ली, 18 जुलाई बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं के वर्गीकरण की समीक्षा का प्रस्ताव रखा ताकि स्पष्टता लाने के साथ ही योजनाओं के पोर्टफोलियो में 'ओवरलैप' की स्थिति यानी दोहराव से बचा जा सके।

निवेश पोर्टफोलियो में ओवरलैप की स्थिति उस समय बनती है जब कोई निवेशक अलग-अलग म्यूचुअल फंड या योजना में निवेश करता है, लेकिन उन फंड में अधिकतर निवेश एक ही कंपनियों या क्षेत्रों में किया गया होता है। इससे निवेश को लेकर जोखिम बढ़ जाता है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का यह प्रस्ताव कुछ एमएफ योजनाओं में पोर्टफोलियो का ‘ओवरलैप’ नजर आने के बाद आया है। सेबी ने यह महसूस किया कि समान पोर्टफोलियो वाली योजनाओं से बचने के लिए स्पष्ट सीमाएं तय करने की जरूरत है।

सेबी ने अपने परामर्श पत्र में सुझाव दिया है कि म्यूचुअल फंडों को ‘वैल्यू’ और ‘कॉन्ट्रा’ दोनों फंड पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन इसकी शर्त यह हो कि किसी भी समय योजनाओं के पोर्टफोलियो का 50 प्रतिशत से अधिक ओवरलैप न हो।

वैल्यू फंड के तहत उन कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है जिनका मूल्यांकन भले ही कम हो लेकिन उनका आंतरिक मूल्य मजबूत हो। वहीं कॉन्ट्रा फंड के तहत कोष प्रबंधक लोकप्रिय बाजार भावना के उलट शेयरों का चुनाव करता है।

नई कोष पेशकश (एनएफओ) लाने के समय और उसके बाद महीने के अंत में पोर्टफोलियो का उपयोग करके छमाही आधार पर ओवरलैप की स्थिति की निगरानी की जानी चाहिए।

स्वीकृत सीमा से अधिक ओवरलैप होने की स्थिति में परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) को 30 कारोबारी दिवसों के भीतर पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करना चाहिए।

एएमसी की निवेश समिति से 30 दिनों तक का अतिरिक्त विस्तार लिया जा सकता है लेकिन इसके कारणों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।

सेबी ने कहा, "यदि इस अवधि के बाद भी विचलन बना रहता है, तो दोनों योजनाओं के निवेशकों को बिना किसी निकासी शुल्क के बाहर निकलने का विकल्प दिया जाएगा।"

बाजार नियामक ने पोर्टफोलियो के शेष हिस्से को इक्विटी, ऋण, सोना एवं चांदी, रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट) में निवेश की अनुमति देने का सुझाव भी दिया है।

सेबी ने इन प्रस्तावों पर आठ अगस्त तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

प्रेम

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