नयी दिल्ली, 21 नवंबर बाजार नियामक सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) नियमों में संशोधन किया है। इसमें निवेशकों को किसी योजना में उनके योगदान के अनुपात में निवेश और आय के वितरण का अधिकार देने का निर्देश दिया गया है।
सरल शब्दों में, एआईएफ योजना के तहत निवेश से जोखिम और पुरस्कार को योजना में निवेशकों के योगदान के अनुपात में साझा किया जाने की जरूरत होगी।
इसका उद्देश्य एआईएफ के मामले में नियामक के इरादे को स्पष्ट करना है। साथ एआईएफ के निवेशकों के साथ निष्पक्ष और समान व्यवहार सुनिश्चित करना है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 18 नवंबर को जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘‘एआईएफ योजना में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए आय वितरण में, योगदान के अनुसार आनुपातिक अधिकार होंगे।’’ सेबी इस बारे में अगर कोई अलग व्यवस्था करता है, तो वह उससे अलग होगा।
नियामक के अनुसार, एआईएफ की एक योजना के निवेशकों के अधिकार सभी पहलुओं में समान होंगे। यह उस स्थिति में लागू नहीं होगा जब योजना के अन्य निवेशकों के हितों को प्रभावित किए बिना चुनिंदा निवेशकों को अलग अधिकार की पेशकश की गयी है।
बाजार नियामक ने बड़े मूल्य वाले कोषों को अपने निवेशकों के बीच समान अधिकार सुनिश्चित करने से छूट प्रदान की है। यह प्रत्येक निवेशक द्वारा प्रदान की गई छूट के अधीन है।
एआईएफ निजी तौर पर एकत्रित राशि के निवेश का माध्यम है, जो अपने निवेशकों के लाभ के लिए एक परिभाषित निवेश नीति के तहत निवेश के लिए निवेशकों से कोष एकत्र करता है।
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