नयी दिल्ली, 21 अगस्त घरेलू चिकित्सा उपकरण उद्योग को मजबूत करने के लिए एक नई योजना अगले एक महीने में शुरू की जाएगी।
औषध विभाग के सचिव अरुणीश चावला ने बुधवार को कहा कि यह योजना चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ विस्तृत परामर्श के बाद तैयार की जा रही है।
चावला ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “यह योजना अगले एक महीने में शुरू की जाएगी। यह हितधारक विचार-विमर्श का हिस्सा थी। इसे उद्योग की जरूरतों के साथ हिसाब से बनाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “नई योजना शुरू करने के लिए हमें वित्त मंत्रालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।”
दूसरे ‘मेडिटेक स्टैकथॉन’ में भाग लेते हुए सचिव ने कहा कि इस योजना में भविष्य में चिकित्सा उपकरणों पर आयात निर्भरता में कमी लाने की परिकल्पना की गई है।
चावला ने कहा, “यह योजना घरेलू उद्योग को लंबे समय में आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाई जा रही है।”
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना अब तक अच्छी तरह काम कर रही है और 20 नई परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं।
विभिन्न उच्च तकनीक वाले चिकित्सा उपकरण जैसे कि कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और डायलिसिस मशीन आदि का विनिर्माण अब देश में किया जा रहा है।
पिछले साल अप्रैल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू उत्पादन बढ़ाने और ऐसे उपकरणों के आयात को कम करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति को मंजूरी दी थी।
इस नीति से अगले पांच वर्षों में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र बढ़कर 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
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