नयी दिल्ली, 16 नवंबर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने 26 नवंबर को न्यायालय परिसर में संविधान दिवस मनाने का अनुरोध करते हुए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को शनिवार को एक पत्र लिखा।
एससीबीए ने अपने पत्र में कहा कि वे पिछले पांच दशकों से भी ज्यादा समय से बार एसोसिएशन के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए संविधान दिवस का आयोजन करते आ रहे हैं।
संविधान दिवस को पूर्व में कानून दिवस के रूप में जाना जाता था।
एससीबीए के सचिव विक्रांत यादव ने प्रस्ताव में कहा, “मैं आपके (प्रधान न्यायाधीश) ध्यान में लाना चाहता हूं कि 13 नवंबर 2024 को न्यायाधीश लाउंज में हुई हमारी चर्चा के अनुसार हमने 26 नवंबर 2024 को सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर न्यायालय परिसर में संविधान दिवस समारोह आयोजित करने का अनुरोध किया था। इस कार्यक्रम की अवधि 45 मिनट से 50 मिनट के बीच होगी।”
पत्र के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन पिछले पांच दशकों से भी ज्यादा समय से कानून दिवस का आयोजन करता आ रहा है, जहां हम बार में 50 वर्ष वकालत पूरी करने वाले सदस्यों और कानून क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर पुस्तक लिखने वाले सदस्यों को सम्मानित करते हैं।”
बार एसोसिएशन ने कहा कि संस्था एओआर (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) परीक्षा में प्रथम और दूसरा स्थान हासिल करने वाले वकीलों को भी सम्मानित करती है।
यादव ने पत्र में कहा, “न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा (सेवानिवृत्त) ने भी अपने पिता की स्मृति में एओआर परीक्षा में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले सदस्यों के लिए ‘ओपी मल्होत्रा पुरस्कार’ प्रायोजित किया है।”
पत्र में कहा गया कि कहने की जरूरत नहीं कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया और 26 जनवरी 1950 से संविधान लागू हुआ।
पत्र के मुताबिक, इसके बाद से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन नियमित रूप से संविधान दिवस मनाता आ रहा है।
वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाए जाने के उपलक्ष्य में वर्ष 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है।
इससे पहले इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।
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