नयी दिल्ली, आठ अप्रैल भारत ने कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में आयी गिरावट का लाभ उठाते हुये भारत ने अपने रणनीतिक भूमिगत भंडारों को भरने की तैयारी शुरू की है। इसके लिये सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इराक से कच्चे तेल की खरीद की जाएगी।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत ने कर्नाटक के मंगलुरू और पादुर तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 53.33 लाख टन का आपातकालीन भूमिगत भंडार तैयार किया है।
यह भारत की 9.5 दिन की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है। अभी मंगलुरू और पादुर के भंडार आधे खाली हैं जबकि विशाखापत्तनम वाले भंडार में भी कुछ जगह रिक्त है। इन्हें अब सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इराक से तेल खरीदकर भरा जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने मंगलुरू की 15 लाख टन भंडारण क्षमता में आधी हिस्सेदारी खरीदी थी। उसने अपने व्यावसायिक इस्तेमाल के लिये 7.5 लाख टन तेल इसमें रखा है और शेष स्थान रिक्त है। इसे यूएई के अपर जकुम क्रूड से भरा जाएगा।
पादुर भंडार इन तीनों में सबसे बड़ा है और इसकी कुल क्षमता 25 लाख टन है। अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने इसके भी आधे हिस्से के लिये करार किया था, लेकिन कंपनी ने इसे कभी भरा नहीं।
सूत्रों ने बताया कि इसमें अभी आधा भंडार ही भरा हुआ है। शेष भंडार को भरने के लिये सऊदी अरब से 12.5 लाख टन कच्चा तेल खरीदने की योजना है।
इसी तरह विशाखापत्तनम में खाली भंडार को इराक के तेल से भरा जाएगा।
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