पुणे, 17 अप्रैल पुणे में सरकार द्वारा संचालित ससून अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों ने कोरोना वायरस महामारी के बीच अस्पताल के डीन डॉक्टर अजय चंदनवाले का तबादला किये जाने पर शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की।
महाराष्ट्र सरकार ने बृहस्पतिवार की शाम डॉ चंदनवाले का स्थानांतरण कर दिया था, जिसके खिलाफ महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमएआरडी) के प्रतिनिधियों, नर्सों और चौथी तथा पांचवी श्रेणी के कर्मचारियों ने अस्पताल के मुख्य परिसर में जमा होकर नाराजगी प्रकट की।
पुणे में कोरोना वायरस संक्रमण से 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 38 रोगियों की मौत शहर के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक ससून अस्पताल में हुई।
महाराष्ट्र में मुंबई के बाद पुणे कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है।
डॉ चंदनवाले से बृहस्पतिवार रात संपर्क किया गया तो उन्होंने अपने तबादले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार से अस्पताल में अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाएंगे।
एमएआरडी के एक प्रतिनिधि ने कहा, ''मौजूदा हालात में डॉक्टर चंदनवाले का तबादला अनुचित है। ससून कोविड-19 संक्रमण के गंभीर मामलों के इलाज का केन्द्र है। उनकी गैर-हाजिरी में कामकाज कैसे चलेगा? ''
उन्होंने कहा कि इस तबादले से चिकित्सा कर्मियों का मनोबल गिरेगा, जो कि दिन रात इस महामारी से निपटने में जुटे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, डॉ चंदनवाले मुंबई में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय में संयुक्त निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे और उन्हें वहीं भेज दिया गया है।
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