नयी दिल्ली, दो अप्रैल दिल्ली में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने आशंका व्यक्त की है कि दिल्ली सरकार द्वारा घोषित शराब छूट से उनके पड़ोस में कानून-व्यवस्था की दिक्कत उत्पन्न हो सकती है और ऐसी जगहों पर भीड़ एकत्रित होगी।
दिल्ली के आबकारी आयुक्त द्वारा शुक्रवार को जारी एक आदेश के अनुसार, दिल्ली के आबकारी नियम, 2010 के नियम 20 का कड़ाई से अनुपालन करते हुए दिल्ली एनसीटी के अधिकार क्षेत्र में स्थित शराब की दुकानें शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 25 प्रतिशत तक की छूट दे सकती हैं।
हालांकि इस आदेश का कन्फेडरेशन आफ इंडियन अल्कोहॉल बेवरेज कंपनीज ने स्वागत किया है, लेकिन कई आरडब्ल्यूए द्वारा इसका समर्थन नहीं किया गया है।
ईस्ट डेल्ही आरडब्ल्यूए के प्रमुख बी एस वोहरा ने सरकार पर लोगों के स्वास्थ्य को जोखिम में डालकर राजस्व उत्पन्न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘यह गलत है। पैसा कमाने के लिए, सरकार लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शराब उद्योग सरकार के लिए राजस्व का प्रमुख स्रोत है और राजधानी में सभी उद्योग संकट का सामना कर रहे हैं। प्रदूषण के कारण आप नई मशीनें नहीं लगा सकते। इसलिए उन्होंने इस माध्यम से पैसा कमाने का सहारा लिया है।’’
नार्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक भसीन ने कहा कि उनका मानना है कि इस फैसले से शराब को बढ़ावा मिलेगा और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होगी।
जीके1 आरडब्ल्यूए के सदस्य राजीव काकारिया के लिए छूट से बड़ी चिंता इन दुकानों के स्थल को लेकर है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार शराब की दुकानों को जितनी भी छूट देना चाहे दे सकती है। सबसे बड़ी चिंता इन दुकानों के स्थान को लेकर है। दुकानें स्कूलों आदि के आसपास के इलाकों में नहीं होनी चाहिए।’’
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