राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सोमवार को हुई बैठक में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संकेत दिया कि रूस उन सुरक्षा शिकायतों के बारे में बात करने के लिए तैयार है, जिनके कारण यह संकट पैदा हुआ है।
लावरोव की इस टिप्पणी को पश्चिमी देशों के लिये राष्ट्रपति पुतिन के संदेश के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही इससे युद्ध टलने का भी संकेत मिला है। हालांकि, दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और उनके अन्य सहयोगी देश पहले ही कह चुके हैं कि रूसी सैनिक बुधवार तक यूक्रेन तक पहुंच सकते हैं।
हालांकि, रूस यूक्रेन पर आक्रमण की बात से इनकार कर रहा है। रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा है कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस की मांगें ठुकराए जाने के बावजूद रूस को इस मामले पर और बातचीत करनी चाहिये।
लावरोव ने कहा कि वार्ताएं अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकती, लेकिन मैं इन्हें जारी रखने और व्यापक रूप देने का सुझाव दूंगा।
अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस के इस रुख का स्वागत किया है।
व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी कारीन जीन-पियरे ने कहा, ''अगर रूस रचनात्मक वार्ता में शामिल होने का विकल्प चुनता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध हैं।''
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