संयुक्त राष्ट्र, 14 अप्रैल संयुक्त राष्ट्र की चार समितियों के लिए हुए चुनाव में रूस को हार का सामना करना पड़ा है। इसे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर मॉस्को के वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के सहायक और संबद्ध निकायों में विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए बुधवार को चुनाव हुए।
रूस गैर-सरकारी संगठनों की समिति, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी बोर्ड, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) कार्यकारी बोर्ड और स्वदेशी मुद्दों पर स्थायी मंच के लिए हुए चुनावों में किस्मत आजमा रहा था।
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के मिशन ने ट्वीट किया, ‘‘रूस ने आज संयुक्त राष्ट्र की चार समितियों के लिए चुनाव लड़ा था और सभी में उसे हार का सामना करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश रूस को अलग-थलग कर रहे हैं। वे यूक्रेन के साथ खड़े हैं।’’
गौरतलब है कि रूस ने फरवरी में यूक्रेन पर बिना किसी उकसावे के आक्रमण कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र में यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आज के ईसीओएसओसी चुनाव के नतीजे दर्शाते हैं कि रूस की आक्रामकता ने उसे संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख निकायों में सेवा देने के लायक नहीं छोड़ा है। ईयू ने कहा, ‘‘हम ईसीओएसओसी से संबद्ध निकायों के नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।’’
गैर-सरकारी संगठनों की समिति के चुनाव में रूस को 54 में से 15, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी बोर्ड के चुनाव में 54 में से 16, यूनिसेफ कार्यकारी बोर्ड के चुनाव में 54 में से 17 और स्वदेशी मुद्दों पर स्थायी मंच के चुनाव में 52 में से 18 मत प्राप्त हुए।
वहीं, भारत ईसीओएसओसी के चार निकायों में निर्वाचित हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, ‘‘भारत को संयुक्त राष्ट्र ईसीओएसओसी के चार निकायों के लिए चुना गया है। सामाजिक विकास आयोग, गैर-सरकारी संगठनों की समिति और विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग के चुनाव में उसे जीत मिली है, जबकि राजदूत प्रीति सरन को आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों की समिति के लिए फिर से चुना गया है।’’
सरन का चार साल का पहला कार्यकाल एक जनवरी 2019 से शुरू हुआ था।
सामाजिक विकास आयोग के लिए ऑस्ट्रिया, बांग्लादेश, बुरुंडी, कोलंबिया, मिस्र, घाना, हैती, भारत, पेरू, पुर्तगाल, सऊदी अरब और यूक्रेन को 2023 में 62वें सत्र से चार साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है। उनका कार्यकाल 2027 में 65वें सत्र तक होगा।
वहीं, विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग के वास्ते, अल्जीरिया, बेलीज, बोत्सवाना, चीन, कोलंबिया, क्यूबा, जिबूती, इक्वाडोर, मिस्र, भारत, हंगरी, लातविया, ओमान, रोमानिया, रवांडा, ताजिकिस्तान, तुर्की, ब्रिटेन, यूनाइटेड तंजानिया गणराज्य, अमेरिका और उज्बेकिस्तान को एक जनवरी 2023 से शुरू होने वाले चार साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है।
इसी तरह, गैर-सरकारी संगठनों की समिति के लिए अल्जीरिया, बहरीन, कैमरून, चिली, चीन, कोस्टा रिका, क्यूबा, इरिट्रिया, भारत, इजराइल, लाइबेरिया, निकारगुआ, पाकिस्तान, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और जिम्बाब्वे को एक जनवरी 2023 से शुरू होने वाले चार साल के कार्यकाल के लिए चुना गया। समिति के लिए अर्मेनिया और जॉर्जिया को गुप्त मतदान के जरिये चुना गया।
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