रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी सैनिकों एवं क्रेमलिन समर्थित अलगाववादियों के संयुक्त दल ने दूसरे छोटे शहर लीमान को ‘‘पूरी तरह’’ से मुक्त करा लिया है. इन अलगाववादियों ने रूस से सटे औद्योगिक क्षेत्र डोनबास में आठ साल पहले लड़ाई शुरू की थी. इस बीच, यूक्रेन की रेल प्रणाली ने पूर्व में स्थित एक अहम रेल केंद्र लीमान में हथियार पहुंचाए हैं और वहां से लोगों को निकाला है. लीमान पर कब्जे का मतलब है कि रूसी सेना को इस क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी मिलेगी. इस क्षेत्र में सैनिकों के लिए सिवरस्की डोनेत्स नदी को पार करने और उन्हें सैन्य साजोसामान पहुंचाने की खातिर कई पुल मौजूद हैं. यह नदी ही रूसी सेना के लिए डोनबास में आगे बढ़ने में अब तक अड़चन बनी हुई है.
यूक्रेन के अधिकारियों की लीमान पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं थीं. शुक्रवार को डोनेत्स्क के गवर्नर पावलो कीरीलेंको ने कहा कि रूसी सैनिकों ने उसके ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वे अब इस क्षेत्र के अन्य शहर बाखमूट की ओर बढ़ने की कोशिश में हैं. हालांकि, शनिवार को यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री हन्ना मायला ने रूस के इस दावे का खंडन किया कि लीमान उसके कब्जे में आ गया है. उन्होंने कहा कि लड़ाई अभी भी चल रही है. यह भी पढ़ें : इजराइली सांसद के पवित्र स्थल में प्रवेश करने से अशांति की स्थिति पैदा हुई
शनिवार को एक वीडियो संबोधन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पूर्वी क्षेत्र की स्थिति को ‘बहुत जटिल’ करार दिया. उन्होंने कहा कि रूसी सेना वहां अपने प्रयास तेज कर कुछ न कुछ परिणाम हासिल करने में जुटी है. इस बीच, क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने शनिवार को फ्रांस और जर्मनी के नेताओं के साथ फोन पर 80 मिनट तक बातचीत की और उन्हें यूक्रेन को लगातार हाथियार देने के खिलाफ चेताया.