मुंबई, 19 अक्टूबर विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पूंजी की सतत निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 60 पैसे की गिरावट के साथ पहली बार 83 रुपये के स्तर से नीचे चला गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चातेल कीमतों में तेजी तथा निवेशकों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से भी रुपये पर असर पड़ा।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.32 पर मजबूत खुला। बाद में रुपये का आरंभिक तेजी जाती रही और कारोबार के अंत में यह अपने पिछले बंद भाव 82.40 प्रति डॉलर के मुकाबले 60 पैसे की गिरावट के साथ अबतक के सबसे निचले स्तर 83.01 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर की बढ़ती कीमतों के बीच घबराहट में रुपये की बिकवाली के चलते रुपया नये निचले स्तर 83.00 पर आ गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ''डॉलर के बाहर जाने, चीन की मुद्रा में कमजोरी और मासिक अनुबंधों की समाप्ति से पहले कारोबारियों द्वारा अपने सौदे पूरा करने से रुपये का प्रदर्शन कमजोर रहा। अन्य एशियाई मुद्राओं में भी कमजारी रही। यूरोप और ब्रिटेन के निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों ने डॉलर सूचकांक को मजबूती दी, जिससे रुपये पर भी असर पड़ा।''
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत बढ़कर 112.48 हो गया।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.82 प्रतिशत बढ़कर 90.77 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इसके अलावा, बीएसई सेंसेक्स 146.59 अंक की तेजी के साथ 59,107.19 अंक पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला जारी है। उन्होंने बुधवार को 453.91 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।
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