लखनऊ, नौ जुलाई उत्तर प्रदेश के अनेक इलाकों में पिछले कई दिनों से रुक—रुक कर हो रही वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, राप्ती, घाघरा और शारदा समेत अनेक नदियां उफान पर हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में सात लोगों की मौत हो गयी है।
राहत आयुक्त कार्यालय से मंगलवार शाम मिली रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की विभिन्न नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी कछलाब्रिज (बदायूं) में, राप्ती नदी बलरामपुर में, शारदा नदी पलियाकलां और शारदानगर (लखीमपुर खीरी) में, बूढ़ी राप्ती नदी ककरही (सिद्धार्थ नगर) में, क्वानो नदी चंद्रदीपघाट (गोंडा) में, घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान बाढ़ के पानी में डूबने, आकाशीय बिजली और सर्पदंश जैसे वर्षाजनित हादसों में सात लोगों की मौत हो गयी। पीलीभीत और श्रावस्ती में दो—दो तथा बलरामपुर, कन्नौज और प्रतापगढ़ में एक—एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
प्रदेश के राहत आयुक्त जी.एस. नवीन कुमार ने बताया कि पीलीभीत जिले में शारदा नदी में सोमवार को नेपाल से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से नदी के किनारे स्थित ढका चांट गांव के निवासी सात लोग अचानक आयी बाढ़ के पानी में फंस गये थे जिन्हें आज सुबह वायु सेवा के विमान से एयरलिफ्ट कराया गया।
सूत्रों के मुताबिक बलरामपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी जिलों के अनेक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
इस बीच, आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान सोनभद्र जिले के घोरावल और रामपुर जिले के बिलासपुर में सात—सात सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गयी। इसके अलावा गोरखपुर के चंद्रदीपघाट में छह, बरेली के नवाबगंज में पांच, आगरा के खैरागढ़ में चार, मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा, बरेली, सम्भल जिले के गुन्नौर और सिद्धार्थनगर के ककरही में तीन—तीन सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गयी है।
अगले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।
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