तय समय के अंदर सड़क क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत कार्य ठेकेदार की जिम्मेदारी: उच्च न्यायालय

मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह निर्माण पूरा होने के बाद तय समय के अंदर सड़क के क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत कर्य के लिए ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करे.

Meghalaya High Court (Photo Credits Twitter)

शिलांग, 18 नवंबर : मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह निर्माण पूरा होने के बाद तय समय के अंदर सड़क के क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत कर्य के लिए ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करे. मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू दींगदोह की खंड पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘असल में, राज्य को अच्छे से काम करना होगा ताकि निर्माण पूरा होने के बाद यदि सड़क तय समय के अंदर क्षतिग्रस्त होती है या टूट जाती है, तो इसके लिए ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया जा सके.’’

पश्चिमी मेघालय में अगिया-मेंधीपारा-फूलबारी-त्रिपुरा (एएमपीटी) मार्ग के निर्माण और मरमत में देरी को लेकर ए.एच हजारिका की ओर से दायर जनहित याचिका पर पीठ सुनवाई कर रही थी. पीठ ने लोकनिर्माण विभाग के पर्यवेक्षक अभियंता (सड़क) को निर्देश दिया कि वह सड़क के एक हिस्से के निर्माण कार्य की निगरानी करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जरूरी मानकों का ठेकेदार ने ख्याल रखा है और निर्माण कार्य के पूरा होने के तुरंत बाद सड़क में खराबी नहीं आएगी. यह भी पढ़े: मप्र: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जबलपुर में पदाधिकारियों के साथ बैठक की

अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार ने कहा है कि निर्माण कार्य में पर्याप्त प्रगति हुई है और 41 किलोमीटर में से कम से कम 33 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है और बाकी के हिस्से का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है. हालांकि, याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि 41 किलोमीटर लंबी सड़क के बाकी हिस्से का काम छह अलग-अलग ठेकेदारों को दिया गया है और ठेकेदारों का काम ‘दोयम दर्जे’ का है. मामले की अगली सुनवाई अगले साल 22 फरवरी को होगी.

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