मुंबई, तीन जनवरी महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले सरकारी कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी ओर से उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक बातचीत के बाद हड़ताल वापस ले ली है।
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के तत्वावधान में सरकारी और निगम संचालित अस्पतालों के कम से कम 7,000 रेजिडेंट डॉक्टर हॉस्टल की खराब स्थिति, सरकारी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरने तथा बकाया भुगतान की मांगों को लेकर सोमवार को हड़ताल पर चले गए।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री महाजन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘डॉक्टरों ने सकारात्मक बातचीत के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली है। हमने इन मुद्दों पर तत्काल गौर किया है।’’
उन्होंने कहा कि छात्रावासों से संबंधित मुद्दे का तुरंत समाधान किया जाएगा और मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को 12 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों के डीन के साथ बैठक की। महाजन ने कहा कि इस समस्या को दीर्घकालिक आधार पर हल करने के लिए राज्य सरकार ने छात्रावासों के निर्माण को लेकर 500 करोड़ रुपये के वास्ते केंद्र से संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों से भी मदद मांगी गई है, ताकि छात्रावासों के निर्माण के लिए उनके कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष का इस्तेमाल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों और कोरोना वायरस महामारी के समय से लंबित उनके बकाया से संबंधित मुद्दों को भी उठाया। महाजन ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर ठाणे और मुंबई नगर निकायों के प्रमुखों के साथ बैठक की।
मंत्री ने कहा कि निगम संचालित अस्पताल शहरी विकास विभाग के अंतर्गत आते हैं, जिसके प्रमुख मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द एक बैठक की जाएगी।
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