RBI ने दरों में नहीं किया कोई बदलाव, चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति दर 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान

वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत, दूसरी में 5.4 प्रतिशत, तीसरी में 4.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर यदि गहराती है और इसकी वजह से देशभर में गतिविधियों पर अंकुश लगते हैं तो मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का जोखिम है.

प्रतिकात्मक तस्वीर

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष (Financial Year) 2021-22 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति (Inflation) की दर 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया. यह मौद्रिक नीति समिति (MPC) के मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में बनाये रखने के लक्ष्य के अनुरूप है. RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 9.5 प्रतिशत किया

चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को मुख्य नीतिगत दर ‘रेपो रेट’ को चार प्रतिशत पर कायम रखने की घोषणा की.

गवर्नर ने कहा कि अभी तक जो उपाय किए गए हैं और साथ ही महंगाई के ऊपर की ओर जाने के जोखिमों पर विचार के बाद चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत, दूसरी में 5.4 प्रतिशत, तीसरी में 4.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर यदि गहराती है और इसकी वजह से देशभर में गतिविधियों पर अंकुश लगते हैं तो मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का जोखिम है.

उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में खाद्य वस्तुओं के कीमतों को आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों से बचाने की जरूरत है। इसके लिए लगातार निगरानी और तैयारियों की जरूरत होगी. केंद्र के साथ राज्यों को इस बारे में समयबद्ध उपाय करने होंगे.

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