नयी दिल्ली, 30 जुलाई दिल्ली विधानसभा ने देश के डॉक्टरों को सामूहिक रूप से भारत रत्न देने की सिफारिश करते हुए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया।
इस प्रस्ताव में यह भी सिफारिश की गयी है कि दिल्ली के डॉक्टरों एवं अर्धचिकित्साकर्मियों, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी सेवाएं दीं, को पद्म पुरस्कारों के लिए चुना जाए।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज ने मानसून सत्र के दूसरे दिन यह प्रस्ताव पेश किया।
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डॉक्टरों ने ऐसे वक्त में मरीजों की सेवा की जब उनके अपने परिवार के लोग भी उन्हें छूना नहीं चाहते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली सरकार ने तय किया है कि हम बस डॉक्टरो एवं अर्धचिकित्साकर्मियों के नामों की पद्म पुरस्कारों के लिए सिफारिश करेंगे। हमें 15 सितंबर तक इन नामों की सिफारिश करनी है।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 27 जुलाई को ही इस संबंध में घोषणा कर दी थी और उसे तो अबतक 2100 प्रविष्टियां मिल भी चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हम केंद्र से देशभर के ऐसे सभी चिकित्सकों को पद्म पुरस्कार देने की अपील करते हैं और हम यह भी मांग करते हैं कि भारत के डॉक्टरों को सामूहिक रूप से भारत रत्न दिया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब कोविड ने सिर उठाया तो हमने डॉक्टरों के लिए पंचसितारा होटलों में रहने का इंतजाम किया। हमने यह भी फैसला किया था कि कोरोना वायरस से जुड़े सभी आदेश डॉक्टरों के परामर्श से जारी किये जाएंगे। हमें सभी अस्पतालों एवं चिकित्सा बिरादरी से पूरा सहयोग मिला। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उन चिकित्सकों के परिवारों को एक करोड़ रूपये देने का घोषणा किया जिन्होंने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस के चलते अपनी जान गवायी, इससे उनका मनोबल बढेगा।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘कई मामलों में हमने एक करोड़ रूपये की अनुग्रह राशि दी। मैं उनके परिवारों को यह रकम देने व्यक्तिगत रूप से गया।’’
राजकुमार पवनेश
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