देश की खबरें | अहमदाबाद में 11-13 मार्च को आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक

नयी दिल्ली, तीन मार्च राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रतिनिधि सभा की बैठक 11 से 13 मार्च तक गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) में आयोजित की जायेगी । इसमें संगठन के विस्तार एवं संघ के शताब्दी वर्ष पूरा होने पर विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी ।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि यह संघ में निर्णय की दृष्टि से सर्वाधिक महत्व की सभा है जिसमें पिछले वर्ष के कार्यवृत्त, संघ कार्य विस्तार की आगामी वर्ष की योजना, संघ शिक्षा वर्ग योजना, वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा होगी एवं कुछ विषयों पर प्रस्ताव भी आ सकते हैं।

उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘‘ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिवर्ष होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इस वर्ष 11 से 13 मार्च तक गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) में होने जा रही है।’’

आंबेकर ने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के चलते यह बैठक संक्षिप्त तौर पर हुयी थी तथा कुछ ही कार्यकर्ता प्रत्यक्ष सहभागी हुए थे एवं शेष कार्यकर्ता अपने-अपने प्रांत केंद्र से ऑनलाइन जुड़े थे।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी बैठक में गुजरात के कोरोना प्रतिबंधों को ध्यान में रखकर अपेक्षित कार्यकर्ता संख्या को कुछ कम किया है, इसलिए सभी लोग अपेक्षित नहीं होंगे।

आरएसएस के प्रचार प्रमुख ने बताया कि प्रतिनिधि सभा में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तथा सभी सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुंद जी, रामदत्त, अरुण कुमार तथा संघ के अन्य सभी पदाधिकारी सहभागी होंगे।

बयान के अनुसार, इसमें प्रांतों से सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, क्षेत्र एवं प्रांत के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारकों के साथ संघ प्रेरित विविध संगठन के अखिल संगठन मंत्री व उनके सहयोगी भी बैठक में अपेक्षित हैं।

संघ की यह महत्वपूर्ण बैठक 11 मार्च से ऐसे समय में शुरू हो रही है जब एक दिन पहले ही उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे।

वहीं, सूत्रों ने बताया कि संघ की स्थापना के 100 वर्ष 2025 में पूरे हो रहे हैं, ऐसे में बैठक में संगठन के विस्तार एवं संघ के शताब्दी वर्ष पूरा होने पर विभिन्न कार्यक्रमों के रूपरेखा के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि संघ के कार्यकर्ताओं समेत संगठनों से जिला स्तर पर योजना तैयार करने को कहा गया है और इस बैठक में इस विषय पर भी विचार किया जायेगा । इसमें जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर, तमिलनाडु एवं पर्वतीय क्षेत्रों में विस्तार पर जोर दिया जायेगा ।

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