इस दौरान गली की दुकानों की खिड़कियां टूट गईं। फुटपाथ पर टूटे शीशे के टुकड़े बिखरे पड़े थे। एटीएम क्षतिग्रस्त हो गए। सफाई कर्मी क्षतिग्रस्त दुकानों से मलबा हटाते दिखे।
ज़ाहेदान में विरोध प्रदर्शन ऐसे समय किया गया है जब देश की नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की 16 सितंबर की मौत को लेकर पूरे ईरान में प्रदर्शन जारी हैं।
हालांकि पहले विरोध प्रदर्शन देश के अनिवार्य हिजाब को लेकर थे, लेकिन वे विवादित चुनावों पर 2009 के आंदोलन के बाद से ईरान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं।
अधिकार समूहों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने गोलीबारी करके और आंसू गैस का इस्तेमाल करके सभाओं को तितर-बितर कर दिया, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए हैं।
अशांत शहर ज़ाहेदान में पहली बार हिंसा 30 सितंबर को हुई थी। आक्रोश इस आरोप के बाद फैला था कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक बलूच किशोरी के साथ बलात्कार किया गया। इसके बाद क्षेत्र में गहरा तनाव उत्पन्न हो गया।
अधिकार समूहों का कहना है कि सुरक्षा बलों द्वारा भीड़ पर की गई गोलीबारी में दर्जनों लोग मारे गए।
ओस्लो स्थित समूह ईरान ह्यूमन राइट्स ने मरने वालों की संख्या 90 से अधिक बताई है। ईरानी अधिकारियों ने ज़ाहेदान हिंसा में अज्ञात अलगाववादी शामिल थे। सुरक्षा बलों ने इस संबंध में और कोई विवरण नहीं दिया।
वीडियो फ़ुटेज के मुताबिक़ शुक्रवार को शहर में फिर से अशांति फैल गई। वीडियो में ज़ाहेदान में दोपहर की नमाज़ के बाद कथित तौर पर भीड़ जमा होती दिखाई दे रही है।
ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल हिंसा के बाद के फुटेज प्रसारित किए। इस हिंसा के लिए 150 ‘‘दंगाइयों’’ को दोषी ठहराया गया।
ईरान की सरकारी इरना समाचार एजेंसी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की, मोटर चालकों पर पथराव किया और बैंकों और अन्य निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 57 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
प्रांतीय पुलिस कमांडर अहमद ताहेरी ने कहा कि सुरक्षा बल और दोषियों की तलाश कर रहे हैं।
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