अयोध्या/नई दिल्ली, 4 अगस्त: अयोध्या में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) निर्माण के लिए भूमि पूजन से दो दिन पहले से ही धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. अयोध्या में हर जगह बैरीकेड लगा दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि अयोध्या में बुधवार को होने वाले भूमि-पूजन समारोह में सिर्फ वही लोग आएं, जिन्हें आमंत्रित किया गया है. योगी ने राम जन्मभूमि के पास घंटों रह कर समारोह की तैयारियों की समीक्षा की. उच्चतम न्यायालय के पिछले साल के फैसले के बाद यहां मंदिर निर्माण का काम शुरू होने वाला है.
सोमवार को 12 पुजारियों ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की. उसके बाद भगवान राम और माता सीता के राजवंशों के देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी. मंगलवार को अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की जाएगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कई ट्वीट और संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं. ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं.
राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली और बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में आरोपी भाजपा की अनुभवी नेता उमा भारती ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वह भूमि पूजन में भाग नहीं लेंगी. उन्होंने कहा कि वह पूजन समाप्त होने के बाद अपनी पूजा करेंगी.
ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए वे अयोध्या के बाहर ही भजन-कीर्तन का आयोजन करें. भूमि पूजन में आमंत्रित अतिथियों में इकबाल अंसारी भी शामिल हैं. वह मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में पक्षकार थे. 69 वर्षीय अंसारी ने पीटीआई- से कहा, "मैं इसमें पक्का हिस्सा लूंगा. न्यायालय के फैसले के बाद अब विवाद खत्म हो गया है."
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