नयी दिल्ली, 13 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्यों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के प्रीमियम की सब्सिडी समय पर जारी करने पर बल दिया ताकि इसके तहत दावों का निपटान समय पर सुनिश्चित हो सके।
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया। इससे किसानों को योजना के बारे में जानकारी मिल सकेगी जो अब सभी कृषकों के लिये स्वैच्छिक है।
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एक आधिकारिक बयान के अनुसार सीतारमण ने सुझाव दिया कि जिन राज्यों में सब्सिडी लंबित है, वहां पर इस पर लगातार नजर रखी जाए और जरूरी कदम उठाये जाएं। उन्होंने खासकर उन राज्यों पर ध्यान देने को कहा जिन्होंने योजना को खरीफ मौसम 2020 में क्रियान्वित नहीं किया ताकि किसानों के सभी लंबित बकाये का भुगतान यथाशीघ्र हो जाए।
इस मौके पर कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने फसल बीमा योजना की 2016 से शुरूआत और चुनौतियों के बार में जानकारी दी। विभाग ने मौजूदा खरीफ मौसम में योजना में बदलाव के बाद इसके क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी।
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बैठक में वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा, कृषि सचिव संजय अग्रवाल और दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा बैंकों तथा योजना को क्रियान्वित कर रही साधारण बीमा कंपनियों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
फसल बीमा योजना के तहत व्याक फसल बीमा उपलब्ध कराया जाता है।इसमें प्रीमियम खरीफ फसल के लिये 2 प्रतिशत और रबी फसल के लिये 1.5 प्रतिशत है। बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के लिये 5 प्रतिशत है।
अब चूंकि योजना स्वैच्छिक हो गयी है, ऐसे में बीमा ‘कवरेज’ घटता जा रहा है। इसको लेकर चिंता जतायी जा रही है।
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