नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने स्पष्ट किया है कि शुल्क वापसी और राज्य शुल्कों की छूट जैसी योजनाओं का तहत लाभ लेने को निर्यातकों के लिए पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं है।
विदेश व्यापार नीति के अनुसार, नीति के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निर्यातकों के लिए पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) आवश्यक है। प्रमाणपत्र रखने से निर्यातकों को सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क के संबंध में लाभ प्राप्त करने में भी मदद मिल सकती है।
ये प्रमाण पत्र, निर्यात संवर्धन परिषदों और जिंस बोर्ड द्वारा जारी किए जाते हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा कि शुल्क वापसी, राज्य और केंद्रीय करों और शुल्कों में छूट (आरओएससीटीएल) और निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) जैसी योजनाएं छूट-आधारित योजनाओं की श्रेणी में आती हैं।
इन योजनाओं का उद्देश्य निर्यातित वस्तुओं पर शुल्क या करों को कम करना है।
डीजीएफटी ने एक व्यापार नोटिस में कहा है कि इन योजनाओं के लिए ‘‘आरसीएमसी की आवश्यकता लागू नहीं होती है। निर्यातक आरसीएमसी प्राप्त किए बिना इन योजनाओं के तहत लाभ का दावा कर सकते हैं।’’
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