बीजिंग, नौ अप्रैल चीन ने हुबेई प्रांत के बाहरी हिस्सों में पहली बार पैदा हुए कोरोना वायरस संक्रमण के संकट को मजबूत कदम उठाते हुए काबू कर लिया लेकिन एक बार फिर खतरे की संभावित वापसी और इस महामारी की तीव्रता के मद्देनजर प्रसार की रोकथाम के लिए वास्तविक समय में निगरानी बेहद जरूरी है। शोधकतार्ओं ने यह दावा किया है।
हांगकांग विश्वविद्यायल समेत अन्य वैज्ञानिकों के मुताबिक, विदेश से आने वाले संक्रमण के मामलों के बढ़ते खतरे और चीन में औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने के बीच वायरस एक बार फिर प्रांत में वापसी कर सकता है।
द लांसेट जर्नल में प्रकाशित अपने विश्लेषण में उन्होंने अनुमान लगाया है कि जनवरी में लॉकडाउन उपायों को लागू करने के बाद हुबेई से बाहरी प्रांतों में कोविड-19 के तात्कालिक प्रसार की संख्या में तेजी से कमी दर्ज की गई। वहीं, वायरस प्रकोप के दौरान एक संक्रमित के कारण संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या लॉकडाउन की तुलना में काफी अधिक रही।
नियंत्रण उपायों में नरमी के तहत की गई गणना के प्रभावों के आंकलन के आधार पर शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि ऐसे अपरिपक्व कदम एक बार फिर संक्रमण के प्रसार की वजह बन सकते हैं।
उन्होंने चेताया कि ऐसे में एक बार फिर संक्रमण के फैलने का खतरा पैदा हो सकता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये निष्कर्ष विश्व के उन देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं जोकि लॉकडाउन के पहले चरण में हैं।
सह शोधकर्ता और हांगकांग विश्वविद्यालय से जुड़े जोसेफ टी ने कहा, '' ऐसा जान पड़ता है कि इन नियंत्रण उपायों के कारण संक्रमण का स्तर काफी नीचे आ गया। यदि उद्योग, उत्पादन गतिविधियां और स्कूल एक साथ शुरू हो जाएं तो ऐसे में सामाजिक मेल मिलाप बढ़ जाएगा और संक्रमण के मामलों में बड़ी आसानी से उछाल आ सकता है।''
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