जरुरी जानकारी | आरबीआई अप्रत्याशित नकदी प्रवाह की स्थिति में संतुलन स्थापित करने का काम करेगा: दास

मुंबई, 31 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि आरबीआई अप्रत्याशित और एकमुश्त नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने को लेकर जरूरत के मुताबिक बाजार हस्तक्षेप (फाइन ट्यूनिंग ऑपरेशन) करेगा। इसका मकसद अर्थव्यवस्था में नकदी के संतुलित स्तर और समान वितरण को बनाये रखना है।

दास ने कहा कि उन्होंने छह अगस्त के मौद्रिक नीति वक्तव्य में 6 फरवरी, 2020 को घोषित संशोधित तरलता प्रबंधन ढांचे के तहत मुख्य संचालन के रूप में परिवर्तनीय दर रिवर्स रेपो (वीआरआरआर) नीलामी की धीरे-धीरे बहाली के लिए एक रूपरेखा रखी थी।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘‘आरबीआई अप्रत्याशित और एकमुश्त नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने को लेकर जरूरत के अनुसार समय-समय पर खुले बाजार में हस्तक्षेप करेगा। इसका मकसद अर्थव्यवस्था में नकदी के संतुलित स्तर और समान वितरण को बनाये रखना है।’’

उन्होंने ‘फिक्स्ड इंकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (एफआईएमएमडीए) और ‘प्राइमरी डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (पीडीएआई) के एक सम्मेलन में यह बात कही।

दास ने कहा कि बीमा कंपनियों, भविष्य निधि और पेंशन फंड और कंपनियों जैसे बाजार प्रतिभागियों द्वारा दीर्घकालिक ब्याज दर और पुन: निवेश जोखिम की ‘हेजिंग’ (जोखिम से बचाव के लिये) की सुविधा के लिए नये उत्पादों पर विचार करने का भी यह एक उपयुक्त समय है।

उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई अपनी तरफ से नकदी की संतोषजनक स्थिति बनाये रखने के अपने प्रयास के तहत यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी प्रतिभूति बाजार में पर्याप्त नकदी हो।’’

दास ने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियां विशिष्ट परिसंपत्ति वर्ग हैं और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था में वृहद ब्याज दर परिवेश में सरकारी प्रतिभूति बाजार की जो भूमिका है, उसकी सराहना करना महत्वपूर्ण है।

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