Sanjay Raut on Eknath Shinde: महाकुंभ में शामिल न होने पर उद्धव ठाकरे से सवाल पूछने को लेकर संजय राउत ने एकनाथ शिंदे की आलोचना की

मुंबई, 2 मार्च : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने प्रयागराज में हाल में संपन्न हुए महाकुंभ में उद्धव ठाकरे के स्नान नहीं करने पर सवाल उठाने को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर रविवार को निशाना साधा. राउत ने संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे की राजनीतिक सूझबूझ की भी आलोचना की और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उपमुख्यमंत्री को सवाल पूछने का प्रशिक्षण देना चाहिए. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि शिंदे की गलतियों के कारण उद्धव ठाकरे से ज्यादा भाजपा और उसके नेता ‘‘बेनकाब’’ हो रहे हैं. शिंदे नीत शिवसेना राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महायुति का हिस्सा है. महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया गया था. महाकुंभ में शामिल न होने के लिए शिंदे द्वारा शिवसेना (उबाठा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधे जाने को लेकर राउत ने कहा, ‘‘शिंदे को यह सवाल सबसे पहले आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख) प्रमुख मोहन भागवत से पूछना चाहिए. अगर भागवत एक हिंदू होने के नाते कुंभ में डुबकी लगाने नहीं गए, तो फिर उद्धव ठाकरे को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?’’

राउत ने यह भी कहा कि उन्होंने आरएसएस संस्थापक डॉ. के बी हेडगेवार या संघ के पूर्व प्रमुखों एम एस गोलवलकर, बालासाहेब देवरस, रज्जू भैया और के. सुदर्शन के किसी भी कुंभ में शामिल होने की तस्वीरें कभी नहीं देखीं. उन्होंने कहा कि यहां तक कि (हिंदुत्व विचारक) विनायक दामोदर सावरकर भी कभी (कुंभ मेले) में नहीं गए.

राउत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘क्या मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले कभी किसी कुंभ में गए थे? यह केवल प्रचार का हथकंडा है.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान संगम में डुबकी लगाई थी. राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले महीने महाकुंभ में गए थे, लेकिन उनके कितने कैबिनेट सहयोगी या (भाजपा) विधायक वहां गए. शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, ‘‘ऐसे मुद्दों को छोड़ दें.’’ इस बीच, राउत ने शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकठोक’ में रविवार को दावा किया कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 22 फरवरी की सुबह पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री फडणवीस की शिकायत की. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में प्रेमिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक व्यक्ति और उसके भाई-बहन गिरफ्तार

उन्होंने दावा किया कि यह बैठक पुणे के कोरेगांव पार्क स्थित एक होटल में हुई और ‘‘57 विधायकों के नेता’’ शिंदे को शाह से मिलने के लिए सुबह चार बजे तक जागना पड़ा. राउत ने कहा, ‘‘उन्होंने (शिंदे ने) शाह से शिकायत की कि नयी सरकार में उन्हें उनका हक नहीं दिया जा रहा और पिछली सरकार में मुख्यमंत्री के तौर पर उनके द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को पलटा जा रहा है.’’ राउत ने दावा किया कि शिंदे शिवसेना का भाजपा में विलय कर फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. शिंदे ने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसके कारण महा विकास आघाडी सरकार गिर गई और (तत्कालीन अविभाजित) शिवसेना में विभाजन हो गया.

फडणवीस की शिकायत करने के लिए शिंदे के अमित शाह से मुलाकात करने के दावे के बारे में पूछे जाने पर राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिंदे को सार्वजनिक रूप से इस बात को नकारना चाहिए कि उन्होंने शाह से मुलाकात की और उन्हें पहेलियों में बात करने के बजाय अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि फडणवीस को भी पता है कि शिंदे ने शाह से क्या कहा और उन्होंने फडणवीस के खिलाफ शाह से क्या शिकायत की.’’ ह पूछे जाने पर कि उन्हें बैठक के बारे में यह बात कैसे पता चली, राउत ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि ऐसी बातें तब सामने आएं, जब वे चाहते हैं कि लोगों को इसके बारे में पता चले.’’ महाराष्ट्र विधानसभा के सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि शिवसेना (उबाठा) विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए अपना दावा पेश करेगी.