मुंबई, सात जून प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक की एक दिन के लिए जमानत की मांग वाली याचिकाओं का विरोध करते हुआ कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है। दोनों नेताओं ने 10 जून के राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए एक दिन की जमानत की मांग की थी।
देशमुख और मलिक, दोनों राकांपा नेता वर्तमान में विभिन्न धन शोधन मामलों के सिलसिले में जेल में बंद हैं। दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनावों में मतदान करने के लिए पिछले सप्ताह एक विशेष अदालत से अस्थायी जमानत मांगी थी।
ईडी ने अपने जवाब में विशेष अदालत को बताया कि देशमुख उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में मुख्य आरोपी हैं और पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार होने के बाद फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
जांच एजेंसी ने कहा, “इसके अलावा, यह उल्लेख करना उचित है कि कैदियों के पास जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम के तहत मतदान का अधिकार नहीं है।” इसलिए, उक्त आवेदन को खारिज किया जाना चाहिए।
ईडी ने इसी आधार पर मलिक की याचिका का भी विरोध किया।
अपनी जमानत अर्जी में देशमुख ने कहा, “विधायक होने के नाते आवेदक (देशमुख) राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज का सदस्य है। आवेदक अपने मताधिकार का प्रयोग करने और अपना मत डालने का इच्छुक है।”
इस मामले में बुधवार को आगे सुनवाई होगी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)