नयी दिल्ली, छह मई सरकार ने कहा है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) आरटी-पीसीआर का पूरक है और कोविड निगरानी और गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए काफी उपयोगी है।
सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है। इससे एक दिन पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सिफारिश की थी कि प्रयोगशालाओं पर बोझ कम करने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा कर रहे स्वस्थ व्यक्ति आरटी पीसीआर जांच न कराएं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा, “ रैपिड एंटीजन टेस्ट का अपना स्थान है। यह आरटी-पीसीआर का पूरक है और इसके विपरीत आरटी-पीसीआर रैपिड एंटीजन टेस्ट को पूरक कर सकता है।”
उन्होंने कहा, “ आरएटी निगरानी और नियंत्रण गतिविधियों, लोगों की स्क्रीनिंग करने में वहां बहुत उपयोगी है जहां (वायरस के) संचरण की संभावना है।”
पॉल ने कहा कि आरएटी जब बहुत उपयोगी हो जाता है तब संक्रमण की तीव्रता उच्च हो और बड़ी संख्या में लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिख रहे हों।
पॉल ने कहा, “ कई राज्यों एवं शहरों में जहां संक्रमण दर उच्च है। ऐसी स्थिति में, आरएटी स्क्रीनिंग के उद्देश्य से नैदानिक परीक्षण करने के लिए उपयोगी है।”
रैपिड एंटीजन टेस्ट में 15-30 मिनट में जांच का नतीजा मालूम हो जाता है जिससे संक्रमण को तेजी से पकड़ा जा सकता है और संक्रमित व्यक्ति को पृथक करके उसका इलाज शुरू किया जा सकता है जिससे वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जल्द कदम उठाए जा सकते हैं।
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