देश की खबरें | बलात्कार पीड़िता के पहले के अनुभवों से उसकी सहमति साबित नहीं होती: अदालत

नयी दिल्ली, 17 मार्च दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार के मामले में आरोपी मुंबई के एक टीवी पत्रकार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच पहले हुए अनुभवों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि पीड़िता ने अपने साथ यौन संबंध बनाने के लिए सहमति दी थी।

विशेष न्यायाधीश संजय खनगवाल ने वरुण हिरेमठ द्वारा दायर आवेदन को खारिज कर दिया और कहा कि यदि पीड़ित महिला ने अदालत के सामने पेश हुए साक्ष्यों में यह कहा है कि उसने सहमति नहीं दी थी तो अदालत यह मानेगी की उसने सहमति नहीं दी थी।

शिकायतकर्ता 22 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि 20 फरवरी को चाणक्यपुरी के एक पांच सितारा होटल में हिरेमठ ने उससे बलात्कार किया।

आरोपी के वकील ने आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर हुए संवाद का हवाला देते हुए कहा था कि दोनों के बीच यौन संबंध पहले हुआ था ।

बचाव पक्ष के वकील ने अदालत के सामने कहा था कि शिकायतकर्ता ने सहमति से आरोपी के साथ यौन संबंध बनाए थे तथा उसके शरीर पर विरोध का कोई निशान नहीं था जिससे पता चलता है कि उसने इसके लिए मना नहीं किया और इसकी इजाजत दी।

अदालत ने इन दलीलों को नकार दिया और अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

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