नयी दिल्ली, नौ फरवरी राज्यसभा की बैठक हंगामे की वजह से बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बज कर 57 मिनट पर साढ़े चार बजे तक के लिए स्थगित की गई।
उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का भोजनावकाश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। जब मोदी चर्चा का जवाब दे रहे थे तब सदन में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य अडाणी समूह पर ‘‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट’’ में लगाए गए आरोपों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री ने चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया तथा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘‘मोदी मोदी’’ के नारे लगाने शुरू कर दिये। सभापति ने हंगामे पर अप्रसन्नता जाहिर की और कहा कि सदन में कहीं से भी अव्यवस्था उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो।
उन्होंने कहा कि सदन में जो कुछ हो रहा है, उससे उन्हें गहरी पीड़ा होती है।
इसके बाद सभापति ने सदन में वर्ष 2023-24 के बजट पर चर्चा शुरू करने के लिए कांग्रेस सदस्य शक्ति सिंह गोहिल का नाम पुकारा। बार बार उनका नाम पुकारने के बाद भी गोहिल ने बजट पर चर्चा शुरू नहीं की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भूपेंद्र यादव ने नियम 242 के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य ने बोलने के लिए प्रस्ताव दिया है और आसन की ओर से उसका नाम लिया जाता है लेकिन सदस्य इसके बावजूद नहीं बोलते तो उन्हें बाद में बोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
धनखड़ ने कहा कि उन्होंने गोहिल को बजट पर अपनी बात रखने के लिए कहा है।
गोहिल ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और ऐसे में वह अपनी बात नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि पहले सदन में व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।
उनका इशारा सत्ता पक्ष की ओर से बार बार ‘‘मोदी मोदी’’ के नारे लगाए जाने की ओर था।
सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। लेकिन अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने तीन बज कर करीब 57 मिनट पर बैठक साढ़े चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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