जयपुर, सात फरवरी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक ने संकेत दिया है कि उनका आगामी बजट ‘बचत, राहत एवं बढ़त’ की थीम पर आधारित होगा। गहलोत 10 फरवरी को बजट पेश करेंगे जो इस चुनावी साल में उनके मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट होगा।
गहलोत ने आगामी बजट से से संबंधित तस्वीरें मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किए। सरकार की ओर से जयपुर में विभिन्न जगह इसके होर्डिंग लगवाए गए हैं। ऐसे ही एक होर्डिंग में टैगलाइन लिखा है, ‘‘बचत, राहत, बढ़त’’, ... 10 फरवरी को आ रहा है राजस्थान बजट 2023।’’ इसमें ‘राजस्थान’ शब्द में रुपये के प्रतीक को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत के पास वित्त विभाग भी है और वह दस फरवरी को विधानसभा में 2023-24 का बजट पेश करेंगे। गहलोत कह चुके हैं कि आगामी बजट युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित होगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि राजस्थान को देश का ‘नंबर एक’ राज्य बनाया जाए। सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जो अन्य राज्यों में नहीं हैं। 10 फरवरी को पेश किया जाने वाला राज्य का बजट इसे आगे ले जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बजट युवाओं पर केंद्रित होगा जो सभी वर्गों की आकांक्षाओं को भी पूरा करेगा। यह समावेशी बजट होगा।’’
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार का आखिरी बजट होगा। ऐसा माना जा रहा है कि बजट में सरकार युवाओं और समाज कल्याण के लिए कई नयी योजनाएं और कार्यक्रम पेश कर सकती है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘चूंकि बजट युवाओं पर केंद्रित होगा, इसलिए सरकारी नौकरियों की घोषणा की संभावना है।’’
युवाओं पर विशेष जोर देने के साथ बजट में आम परिवारों को महंगाई की मार से राहत देने के लिए भी कई योजनाएं आने की उम्मीद है। बढ़ती महंगाई उन बड़े मुद्दों में शामिल है जिसको लेकर पार्टी 2023 में विधानसभा चुनाव में उतरेगी। इसके अलावा, जानकारों का मानना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान मिली प्रतिक्रिया के आधार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए सुझावों का असर भी बजट में दिखेगा।
गहलोत पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि राज्य सरकार महंगाई के असर को कम करने के लिए गरीब परिवारों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से साल में 12 सिलेंडर देगी। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान अलवर जिले में एक रैली में गहलोत ने यह भी कहा कि सरकार रसोई किट देने पर भी विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ओला, उबर, स्विगी जैसे ऐप के माध्यम से काम कर रहे ‘गिग वर्कर्स’ (काम के बदले भुगतान के आधार पर रखे गए कर्मचारियों) की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी एक योजना बनाएगी, ताकि कंपनियां इनके साथ मनमानी ना कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा।’’ इसको लेकर भी बजट में घोषणा की जा सकती है। स्विगी, ओला जैसी ऐप-आधारित सेवाओं के लिए काम करने वालों को ‘गिग वर्कर्स’ कहा जाता है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने पिछले साल के बजट में राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, जिस पर देशव्यापी बहस छिड़ी। इसके साथ ही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया।
गहलोत की ओर से कृषि पर अलग से बजट भी पेश किया गया।
वहीं बजट से जुड़े होर्डिंग जयपुर शहर में कई जगह लगाए गए हैं। होर्डिंग लगते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार पर निशाना साधा। पूनियां ने इस होर्डिंग की एक संपादित तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, ‘‘सच तो ये है...।’’ पूनिया द्वारा सोमवार को ट्वीट की गई तस्वीर में होर्डिंग की मूल टैगलाइन ‘बचत, राहत, बढ़त’ को संपादित कर ‘अपराध, भ्रष्टाचार, पेपरलीक’ से बदल दिया गया।
हालांकि, मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी ओएसडी लोकेश शर्मा ने इस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘‘स्पष्ट बताया जा रहा है कि आगामी बजट में राज्य के लोगों के लिए मुख्यमंत्री जी की मंशा क्या है। लेकिन ‘‘सच तो ये है’’... कि भाजपा अध्यक्ष महज विरोध के लिए बजट के आने का भी इंतजार नहीं कर पा रहे और पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी ट्रोल की तरह होर्डिंग के शब्दों को संपादित कर काम चला रहे हैं।’’
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