देश की खबरें | राजस्थान : चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर

जयपुर, 28 दिसंबर राजस्थान सरकार ने विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों, संघटक अस्पतालों और जिला चिकित्सालयों में चिकित्सा शिक्षा की समुचित सुविधा उपलब्ध कराने तथा राजकीय सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए 25 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया है।

एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस निर्णय से सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बीकानेर, अजमेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर जिले के चिकित्सा महाविद्यालयों सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा राजमेस (निदेशक, चिकित्सा शिक्षा) में विभिन्न नवीनीकरण कार्य कराए जा सकेंगे। इस राशि से अस्पतालों में छत और शौचालयों की मरम्मत तथा बिजली संबंधी सभी आवश्यक कार्य भी हो सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट में चिकित्सा संस्थानों में सुदृढीकरण कार्य करवाकर चिकित्सा तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने की घोषणा की थी, जिसकी क्रियान्वन में उक्त स्वीकृति प्रदान की गई है।

एक अन्य फैसले में गहलोत ने हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में अन्य राज्यों से जायरीनों को लेकर अजमेर आने वाली बसों के मोटर वाहन कर में रियायत देने की घोषणा की है।

बयान के मुताबिक, “विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 811वां सालाना उर्स जनवरी 2023 में शुरू होगा। उर्स के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से जायरीन अजमेर पहुंचेंगे। गहलोत ने उर्स के सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व को देखते हुए अन्य राज्यों से जायरीनों को लेकर आने वाली यात्री बसों द्वारा देय मोटर वाहन कर एवं सरचार्ज में रियायत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”

फैसले के अनुसार, राजस्थान मोटरयान कराधान अधिनियम-1951 की धारा-3 के अंतर्गत वाहनों पर देय करों में रियायत दी गई है। मोटर वाहन कर एवं सरचार्ज में आंशिक छूट 15 जनवरी से पांच फरवरी 2023 (कुल 22 दिन) तक लागू रहेगी।

उल्लेखनीय है कि अन्य राज्यों से आने वाली यात्री बसों पर 1,600 रुपये प्रतिदिन मोटर वाहन कर लगता है और न्यूनतम पांच दिन के लिए कर जमा कराना आवश्यक होता है। उर्स में आने वाली बसों का ठहराव न्यूनतम सात दिन का रहता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक वाहन द्वारा देय कर-मोटन वाहन कर 11,200 रुपये तथा सरचार्ज 700 रुपये सहित कुल 11,900 रुपये बनता है।

मुख्यमंत्री के निर्णय से अब यात्री बसों द्वारा केवल 7,000 रुपये ही कर के रूप में देय होंगे। इससे कर में 4,900 रुपये प्रति बस की रियायत मिल सकेगी।

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