जरुरी जानकारी | राजस्थान: कई उद्योग संगठनों ने बजट को ‘‘प्रगतिशील’’ बताया, कुछ ने जताई निराशा

जयपुर, एक फरवरी राजस्थान के कई उद्योग और व्यापार संगठनों ने बुधवार को पेश केंद्रीय बजट को व्यापार के लिए ‘‘प्रगतिशील और विकासोन्मुखी’’ बताया, वहीं कुछ क्षेत्रों के कारोबारियों ने इसे लेकर निराशा जताई।

राजस्थान में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष गौरव रूंगटा ने कहा, "मैं वास्तव में इस बजट को एक प्रगतिशील बजट कहूंगा, जो अगले 25 वर्ष के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। सरकार ने बुनियादी ढांचे पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।"

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) राजस्थान स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष रणधीर विक्रम सिंह ने कहा कि केंद्रीय बजट पर्यटन को बढ़ावा देगा और 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के तहत सीमावर्ती गांवों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने से इस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि भारत मोटे अनाज का मुख्य उत्पादक है और ऐसे में उसे मोटे अनाज का वैश्विक केंद्र बनाने के प्रयास का राजस्थान पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत निवेश सलाहकार और ‘सहस्था फाइनेंशियल कंसल्टेंट्स’ के संस्थापक पीयूष खत्री ने कहा,‘‘ यह कुल मिलाकर एक अच्छा बजट है। कर-मुक्त आय में छूट को पांच लाख रुपए से बढ़ाकर सात लाख रुपए करने से अंततः बाजार को लाभ होगा।’’

उन्होंने कहा कि नयी व पुरानी प्रणाली के बीच का अंतर बहुत कम हो गया है और आप अधिक लोगों को अधिक सरल नयी कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हुए देख सकते हैं।

वहीं ‘ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि जिंदल ने कहा कि सरकार द्वारा टेंट कारोबार को उद्योग का दर्जा नहीं दिए जाने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 18 फीसदी स्लैब को कम नहीं किए जाने से करीब 15 करोड़ व्यापारी निराश हैं।

जयपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मानद सचिव अजय काला ने कहा कि रत्न और आभूषण उद्योग सोने पर आयात शुल्क में कमी की उम्मीद कर रहा था, लेकिन इसकी घोषणा नहीं की गई।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)