Rajasthan: भाजपा के आंतरिक घमासान पर कांग्रेस नेताओं ने कसे तंज
कांग्रेस/बीजेपी चुनाव निशान ( फाइल फोटो )

जयपुर, 8 सितंबर : भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान (Rajasthan) इकाई में अंदरूनी कलह सामने आने पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को कहा कि भाजपा ऐसी अनुशासनहीन पार्टी है जिसमें मुख्यमंत्री पद के छह उम्मीदवार हैं. उल्लेखनीय है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को पत्र लिखा है. इस पर टिप्पणी करते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मेघवाल ने महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं. खाचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, “हालांकि यह उनका आंतरिक मामला है लेकिन मेघवाल ने जो सवाल उठाए हैं वे महत्वपूर्ण हैं.” स्वास्थ्य मंत्री डा़ रघु शर्मा ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा में आंतरिक कलह स्पष्ट रूप से सामने आ गई है.

शर्मा ने कहा, “जिस तरह के हालात बने हैं वे स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि भाजपा अनुशासनहीन पार्टी है. भाजपा में मुख्यमंत्री पद के ही छह-छह दावेदार हैं.” उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जनित महामारी के कारण राजस्व आय में गिरावट के बावजूद अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में विकास कार्यों को बाधित नहीं होने दिया है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल द्वारा विधायी दल के नेता गुलाब चंद कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखा है. उन्होंने कटारिया के खिलाफ एक पत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी भेजा है. पूनिया को लिखे पत्र में मेघवाल ने कहा है कि वह विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखेंगे. यह भी पढ़ें : राजस्थान BJP में बवाल: वसुंधरा राजे के सहयोगी ने गुलाब चंद कटारिया पर लगाया गंभीर आरोप, गुटबाजी हुई तेज

पत्र के अनुसार प्रस्ताव में यह कहा जाएगा, “यह बैठक नेता प्रतिपक्ष द्वारा महाराणा प्रताप के लिए उपयोग किए गए अपमानजनक शब्दों, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बारे में अनर्गल बयान और इसके कारण पिछले तीन उपचुनाव में वोटों के क्षरण के कारण हुई हानि के कारण नेता प्रतिपक्ष की निंदा करती है.” यह पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हालांकि मेघवाल ने इस बारे में टिप्पणी से इनकार किया जबकि पूनिया ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई पत्र अभी नहीं मिला है. वहीं कटारिया ने कहा कि इस मामले में पार्टी जो भी फैसला करेगी वह उन्हें स्वीकार होगा. यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जबकि दो दिन बाद नौ सितंबर को राजस्थान विधानसभा का सत्र फिर से शुरू होने वाला है.