देश की खबरें | राजस्थान: 1971 के भारत पाक युद्ध के शहीदों के आश्रितों को नियुक्ति देगी सरकार

जयपुर, 16 दिसंबर राजस्थान सरकार 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैन्य अधिकारियों-जवानों के आश्रितों को नौकरियों में नियुक्ति देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को यहां यह घोषणा की।

स्वर्णिम विजय दिवस के 50 साल पूरा होने के अवसर पर यहां अमर जवान ज्योति पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने देश की सीमाओं की रक्षा करते शहीद हुए प्रदेश के सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों-जवानों के आश्रितों के परिवार के एक सदस्य को नियुक्ति के प्रावधान में 31 दिसंबर, 1971 तक के शहीदों के आश्रितों को भी शामिल करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही शहीदों के आश्रितों की श्रेणी में शहीद की पुत्री के पुत्र एवं पुत्री (नवासा-नवासी), दत्तक नवासा-नवासी एवं शहीद के भाई-बहन के पुत्र एवं पुत्री को भी सम्मिलित करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा से 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैन्य अधिकारियों-जवानों के आश्रितों के परिजनों को नियुक्ति मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। पूर्व के नियमों में 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 1970 तक के राजस्थान के शहीदों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को नियुक्ति देने का प्रावधान है।

इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि मुझे गर्व है कि में ऐसे राज्य का मुख्यमंत्री हूं जहां हर घर में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहादत का जज्बा है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 1971 की लड़ाई में शहीद हुए लांस नायक बहादुर सिंह की वीरांगना मिश्री देवी, शहीद राइफलमैन मोहन सिंह की वीरांगना नवल कंवर, शहीद ग्रेनेडियर सरदार सिंह की वीरांगना रूपा देवी, शहीद राइफलमैन रामसिंह के पुत्र नरेन्द्र सिंह, शहीद भारतीय नौसेना के जवान मदन सिंह के पुत्र नरेन्द्र सिंह शेखावत एवं शहीद हुकमाराम के पुत्र बलवीर जितरवाल को शाल ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। गहलोत ने सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों एवं सैनिकों से भी मुलाकात की।

गहलोत ने स्वर्णिम विजय दिवस के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमर जवान ज्योति जाकर पुष्पचक्र अर्पित किया व दो मिनट का मौन रखकर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों-जवानों को श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों, विधायकों, अन्य जनप्रतिनिधियों, सेना के अधिकारियों-जवानों तथा राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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