नई दिल्ली, 27 जुलाई: राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिये पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया. बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा, "सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी कर सूचित किया गया कि चूंकि बीएसपी एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और (संविधान की) दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बीएसपी) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है."
मिश्रा ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हुए हैं, तो वे विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे. उन्होंने कहा, "नोटिस में आगे कहा गया है कि वे बीएसपी के व्हिप का पालन करने के लिये आबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वे विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे." मिश्रा ने कहा कि बीएसपी राजस्थान उच्च न्यायालय में अयोग्यता की लंबित याचिका में हस्तक्षेप करेगी या अलग से रिट याचिका दायर करेगी.
उल्लेखनीय है कि 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बीएसपी के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी. विधानसभा स्पीकर ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी कर घोषित किया कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए.
इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई. इससे पहले , बीजेपी विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बीएसपी के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था.
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