देश की खबरें | महाराष्ट्र, पंजाब में कोविड-19 के मामलों में उभार चिंता का विषय: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

नयी दिल्ली, 24 मार्च केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र और पंजाब में कोविड-19 के मामलों में भारी वृद्धि ‘गंभीर चिंता’ का विषय है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केंद्र ने महाराष्ट्र और पंजाब के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मामलों में बढ़ोतरी से निपटने के लिए रणनीति को और दुरूस्त करने को लेकर बैठक की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों राज्य गंभीर चिंता का विषय है जहां हाल ही मामलों में भारी वृद्धि देखी गयी है। पहला महाराष्ट्र है और दूसरा पंजाब है । महाराष्ट्र में 28000 से अधिक मामले सामने आये हैं। संक्रमण के लिहाज से शीर्ष पांच जिलों में पुणे, नागपुर, मुम्बई, ठाणे और नासिक शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि पंजाब चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि नये मामलों की संख्या उसकी जनसंख्या की तुलना में गैर आनुपातिक है।

भूषण ने कहा कि अन्य राज्य भी है जो चिंता के कारण हैं और वे गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं चंडीगढ़ (केंद्रशासित प्रदेश) हैं जहां कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं।

गुजरात में रोज कोरोना वायरस के करीब 1700 नये मरीज सामने आ रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश में रोजाना आंकड़ा करीब 1500 का है। गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, वड़ोदरा, राजकोट और भावनगर तथा मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और बेतुल में अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात समेत कुछ राज्यों में मामले बढ़ने पर इस महामारी के बारे में चिंता प्रकट की।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस दूसरी लहर से निपटना होगा।’’

उन्होंने संक्रमण रोकने के लिए कोविड-19 संबंधी आचरण के पालन और टीकाकरण पर बल दिया।

पॉल ने कहा, ‘‘ मास्क दुनिया में सबसे अच्छा और प्रभावी टीका है, तो हम लापरवाह क्यों हो रहे हैं। कृपया अपनी जांच कराइए, जहां जांच कम हो रही हैं, वहां संक्रमण दर बढ़ रही है। आबादी के बड़े हिस्से पर संक्रमण का खतरा है।’’

कर्नाटक और तमिलनाडु में हाल ही में मामले बढ़े हैं। कर्नाटक में रोजाना करीब 2000 और तमिलनाडु में करीब 1400 मामले सामने आ रहे हैं।

भूषण ने कहा कि कोविड-19 के करीब तीन फीसद उपचाराधीन मामले हैं और ये महाराष्ट्र के नौ और कर्नाटक के एक जिले में संकेंद्रित हैं।

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