देश की खबरें | उत्तराखंड में बारिश जारी, मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा

देहरादून, 18 जुलाई उत्तराखंड में अनेक स्थानों पर मंगलवार को जारी बारिश के बीच भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य सड़कों के बंद होने और खुलने का सिलसिला चलता रहा। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष पहुंचकर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए ।

पुलिस ने बताया कि रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ के पास फाटा में तेज बारिश के दौरान आई बाढ़ के मलबे में एक होटल बह गया। होटल में मौजूद दो युवकों को पुलिस तथा स्थानीय लोगों की तत्परता से मलबे से बाहर निकाल लिया गया लेकिन इस दौरान चार पुलिसकर्मी घायल हो गए ।

उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज बारिश के दौरान मनेरी भाली परियोजना के पास पहाड़ से मलबा गिरने के कारण वहां खड़ा टेंपो पलटकर सड़क के नीचे जा गिरा। टेंपो चालक ने किसी तरह वाहन से बाहर कूदकर अपनी जान बचाई ।

लगातार बारिश से गंगा, यमुना सहित प्रदेश की सभी नदियां उफान पर आ गयी हैं। बारिश के कारण गंगा की सहायक अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर पौड़ी जिले के श्रीनगर में जीवीके जलविद्युत परियोजना के बांध से करीब 3000 क्यूमैक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा गया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने पानी छोड़े जाने के चलते पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून के जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

हरिद्वार, ऋषिकेश तथा अन्य जगहों पर पुलिस द्वारा लोगों को नदी तटों से दूर रहने तथा नदी किनारे बसे लोगों से अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने और वहां से हटने के लिए मुनादी की जा रही है।

उधर, हरिद्वार में एक बार फिर गंगा में जलस्तर 293 मीटर के चेतावनी स्तर पर पंहुच गया। हरिद्वार में गंगा का खतरे का निशान 294 मीटर है। गंगा के चेतावनी स्तर पर पंहुचने से गंगा से सटे इलाको में बाढ़ का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है ।

हरिद्वार में गंगा से सटे लक्सर और खानपुर जैसे कई इलाके पहले से ही बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हैं और ऐसे में गंगा का जलस्तर और बढ़ने से प्रशासन सतर्क है। इन इलाकों में बाढ़ चौकियों को भी सतर्क कर दिया गया है ।

इस बीच, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार पहुंचकर गंगा नदी पर भीमगोड़ा बैराज का निरीक्षण कर बैराज के टूटे गेट को जल्द ठीक करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। हरिद्वार के प्रभारी मंत्री महाराज ने निरीक्षण के बाद कहा कि गेट के टूटे होने से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।

उधर राज्य आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

धामी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कहीं भी आपदा की स्थिति होने पर लोगों तक तत्काल मदद पहुंचे और उसमें देरी न हो ।

प्रदेश में भूस्खलन होने और पहाड़ से चट्टाने गिरने के कारण सड़कों के बंद होने और खुलने का सिलसिला चलता रहा। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग झर झर गार्ड के पास, चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग छिनका, बाजपुर, पीपलकोटी और नंदप्रयाग के पास कई घंटे बंद रहा।

पुलिस ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से रूद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पांच स्थानों- ब्यूंग गाड, तरसाली, फाटा, बांसवाड़ा, तिलवाड़ा पर बंद हो गया था। हालांकि तरसाली को छोड़कर अन्य स्थानों पर सड़क खोल दी गयी है। इससे चारधाम यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पिथौरागढ़ जिले में रामगंगापुल-क्वीटी-बिर्थी राष्ट्रीय राजमार्ग 15 स्थानों पर भूस्खलन होने और चट्टाने गिरने के कारण बंद हैं।

इस बीच, मानसून में मार्ग बाधित होने की स्थिति में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने यात्रा मार्गों पर स्थित अपने विश्रामगृह तीर्थयात्रियों को निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि भारी बारिश के कारण मार्ग बाधित होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को ठहरने का स्थान मिलने में परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने पर मुख्यमंत्री के तीर्थयात्रियों की हर संभव मदद करने के निर्देशों के क्रम में समिति ने श्रद्धालुओं को निशुल्क निवास सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

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