नयी दिल्ली, 10 मार्च रेलवे भर्ती बोर्ड लेवल-1 और एनटीपीसी की परीक्षाओं में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है कि रेलवे ने बृहस्पतिवार को उनकी सभी मांगों पर सहमति जता दी है।
एक उच्चस्तरीय समिति के रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह निर्णय लिया गया जो पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम में चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत सुनिश्चित होने के बाद आया।
भारतीय रेलवे ने समूह-डी के कर्मचारियों की भर्ती के लिए लेवल-1 परीक्षा दो कम्प्यूटर आधारित परीक्षाओं (सीबीटी) के माध्यम से कराने की अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए अब केवल एक परीक्षा कराने पर रजामंदी दी है।
जूनियर क्लर्क, ट्रेन सहायक, गार्ड, टाइम-कीपर से लेकर स्टेशन मास्टर तक विभिन्न श्रेणियों में 35,281 खाली पदों के लिए गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) के लिए भर्ती प्रक्रिया के विरोध में बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में अनेक जगहों पर पिछले दिनों प्रदर्शन हुए थे।
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सात लाख से अधिक आवेदनों की छंटनी की गयी, जबकि उम्मीदवारों की वास्तविक संख्या करीब 3.84 लाख थी और एक ही अभ्यर्थी की एक से अधिक पद के लिए छंटनी हुई हो सकती है।
रेलवे ने बृहस्पतिवार को कहा कि एनटीपीसी के लिए दूसरे स्तर की कम्प्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के लिए वेतन स्तर के आधार पर चयनित ‘विशेष उम्मीदवारों’ की संख्या खाली पदों की तुलना में 20 गुना होगी।
रेलवे ने यह भी कहा कि सभी वेतन स्तर (पे लेवल) के संशोधित परिणाम अप्रैल के पहले सप्ताह तक घोषित किये जाएंगे, वहीं पे लेवल 6 के लिए दूसरे स्तर की सीबीटी मई में और अन्य वेतन स्तरों के लिए दूसरे चरण की सीबीटी एक निश्चित अंतराल के बाद आयोजित की जाएगी।
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