नयी दिल्ली, 11 अप्रैल रेलवे ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए 5000 डिब्बों को पृथक वार्ड में तब्दील किया है और स्वास्थ्य मंत्रालय से विचार-विमर्श करने के बाद इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। यह जानकारी शनिवार को अधिकारियों ने दी।
मंत्रालय ने बताया कि महामारी से निजात पाने के लिए रेलवे ने 20 हजार डिब्बों को पृथक वार्ड में बदलने का लक्ष्य तय किया है जिनमें से 80 हजार बिस्तरों के साथ पांच हजार डिब्बे तैयार हैं।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इन डिब्बों को तब्दील करने का विचार यह था कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां कोविड-19 रोगियों की देखभाल की जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय हमें निर्देश देगा और हम इन रेलगाड़ियों को वहां तैनात कर देंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि वे अच्छी हालत में हों।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह के डिब्बों में इस्तेमाल के लिए रेलवे चादर भी उपलब्ध करा सकता है लेकिन वे केवल एक बार इस्तेमाल योग्य होंगी।
अधिकारी ने कहा कि रेलवे इस पर भी विचार कर रहा है कि गैर वातानुकूलित इन रेलगाड़ियों को गर्मी में किस तरह ताप से बचाया जा सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि रेलवे के अंदर चर्चा चल रही है कि क्या लाइफ लाइन एक्सप्रेस जैसी रेलगाड़ियां चलाई जा सकती हैं जहां चिकित्सक हर तरह के रोगियों की देखभाल करें या दुर्घटना राहत रेलगाड़ी जैसी व्यवस्था हो जो ऑपरेशन थिएटर से लैस होती हैं।
बहरहाल इस तरह का विचार त्याग दिया गया क्योंकि इसमें ज्यादा समय लगता।
प्रत्येक रेलगाड़ी में दस डिब्बे होंगे और प्रत्येक डिब्बे में 16 रोगियों की क्षमता है। अधिकारियों ने कहा कि इन रेलगाड़ियों में चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्साकर्मियों के लिए एक वातानुकूलित डिब्बा भी जोड़ा जा सकता है।
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